जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। इसके तहत बनारस में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस के साथ आईबी, एटीएस, एसटीएफ व एनआईए भी सक्रिय हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसी संदिग्धों पर पैनी नजर रख रही हैं तो धार्मिक व पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुरक्षाकर्मियों को ड्यूटी के दौरान हर गतिविधियों नजर रखने को कहा गया है।
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार खुफिया एजेंसियों ने जारी अलर्ट में कहा है कि सभी संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करें और वहां पर गश्त बढ़ा दें। बिना वजह समूह में लोगों को खड़ा ना होने दें और कोई भी भड़काऊ भाषण या अन्य बातें बोलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर घूमने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखें। बम स्क्वायड व डाग स्क्वायड से स्टेशन, मंदिर, कचहरी, बस स्टैंड समेत भीड़ भाड़ वाले स्थानों की जांच कराएं।
वहीं, डीजीपी ओपी सिंह की तरफ से भी निर्देश जारी किया गया हैं। साथ ही 15 अगस्त तक फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की छुट्टियां भी रद की जा चुकी है।
सोशल मीडिया पर भी रखी जा रही नजर : खुफिया एजेंसी सोशल मीडिया पर होने वाले पोस्ट पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। इसके अलावा जिले की साइबर सेल को भी व्हाट्सअप, ट्विटर, फेसबुक समेत सभी सोशल साइट पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
वाराणसी काफी पहले से आतंकियों के निशाने पर रहा है। यहा पर वर्ष 2005 में दशाश्वमेध घाट, वर्ष 2006 में संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर, वर्ष 2007 में कचहरी में तो वर्ष 2010 में शीतला घाट पर विस्फोट हो चुका है। इन आतंकी हमलों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के बाद वाराणसी अतिसंवेदनशील शहर हो गया है।