चंडीगढ़: पराली जलाने वाले किसानों पर लगाई गई मोटी जुर्माना राशि पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि पराली के निपटारे की सरकार के पास कोई योजना नहीं है और किसानों का धड़ाधड़ चालान किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन द्वारा एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। हाईकोर्ट ने लुधियाना की पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) और हिसार की चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से पराली से निपटने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं, इसके सुझाव मांगे हैं। जस्टिस रैना ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण मामला है और व्यापक जनहित से जुड़ा है इसलिए इसकी सुनवाई जनहित याचिका के तौर पर की जानी चाहिए। इसके बाद उन्होंने याचिका चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया।
हाईकोर्ट ने भी दिए सुझाव
हाईकोर्ट ने कहा कि पराली से निपटने के कई साधन हो सकते हैं। इसे कोयले की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है इससे गत्ता बनाया जा सकता है और इसका ऊर्जा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है । इस सबके लिए सरकार पराली किसानों से खरीद सकती है और इन कामों में इसका उपयोग हो सकता है। ऐसा करने से जब पराली से किसानों को मुनाफा होगा तो वे भी जलाने की बजाय इसे सुरक्षित रख बेचेंगे। इस पर सरकार गौर कर सकती है.