दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है। इस मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। बता दें कि ताहिर हुसैन का नाम दिल्ली हिंसा में सामने आया था। जमानत के लिए दाखिल अर्जी में ताहिर हुसैन का तर्क है कि उसने एमसीडी चुनाव जीता है इसलिए उसे जमानत दे दी जाए।
ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका में खुद को दंगे का शिकार साबित करने के लिए आईपीएस अधिकारियों को गवाह बनाया है। उसने लिखा है, ”JT CP आलोक कुमार, Adl DCP एके सिंगला और अन्य लोग 24 को उसकी फैक्ट्री में मौजूद थे। फैक्ट्री में ताला लगा था और चाबी पुलिस को सौंप दी गई थी। पुलिस के अनुरोध पर मैंने इलाका छोड़ दिया। बाद में मैंने पाया कि वहां से पेट्रोल बम, ईंटें और अन्य चीजें बरामद की गई हैं।” उसने कहा कि उसने 27/02/2020 को पुलिस कमिश्नर को भी सारी चीजों के बारे में लिखा है कि उसे कैसे फंसाया जा रहा है।
बेल के लिए दाखिल अर्जी में ताहिर हुसैन ने तर्क दिए हैं कि मुझे जमानत दी जाए क्योंकि-
- मैं एक करदाता हूं।
- मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं।
- मेरा परिवार है पत्नी दो नाबालिग बेटे और बुजुर्ग मां।
- मैंने एमसीडी चुनाव जीता है।
- मेरा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
ताहिर ने कड़कड़डुमा कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी में दावा किया है वो आरोपी नही विक्टिम है। उसके घर को दंगाईयो ने कब्जा लिया था। ताहिर के खिलाफ अंकित मर्डर केस की एफआईआर दर्ज की गई है और इसके घर से पत्थर, पैट्रोल बम, एसिड मिला था।
गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के दौरान चांदबाग इलाके में अंकित की हत्या कर दी गई थी। बाद में अंकित की लाश नाले से बरामद हुई थी। पोस्टमार्टम में साबित हुआ था कि अंकित की हत्या से पहले उसे चाकुओं से कई बार गोदा गया था। वहीं इंडिया टीवी पर अंकित के पड़ोसी और घटना के चश्मदीद ने बताया कि अंकित को भीड़ ने पकड़ लिया था और उसे ताहिर के घर ले गई थी उसके बाद अंकित का पता नहीं चला। बाद में अंकित का शव नाले में मिला था।