लोकसभा ने गुरुवार को लंबी बहस के बाद तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी। बिल में संशोधन के लिए लाए गए विपक्षी सांसदों के प्रस्ताव गिर गए और यह बिल पारित हुआ। 303 सदस्यों ने बिल के समर्थन में वोट किया जबकि विरोध में 82 वोट पड़े।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल को महिलाओं के खिलाफ बताया है। लोकसभा में गुरुवार को तलाक बिल पर चर्चा के दौरान हैदराबाद के सांसद ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस बिल का विरोध किया था और आखिरी सांस तक इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों को उनकी तहजीब और उनके मजहब से दूर करने के लिए लाया गया है।
ओवैसी तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि इस्लाम में शादी अनुबंध है। उन्होंने कहा, ‘इस्लाम में शादी जनम-जनम का साथ नहीं है। यह एक कॉन्ट्रैक्ट है जनाब। शादी के लिए एक ही जिंदगी काफी है।’
ओवैसी ने एक साथ में तीन तलाक बोलने को आपराधिक करार देने संबंधी बिल के प्रावधान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘तीन तलाक को क्रिमिनलाइज कर दिया गया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को डिक्रिमनलाइज कर दिया लेकिन आप (सरकार) तीन तलाक को क्रिमिनलाइज कर रहे हैं, आप वाकई न्यू इंडिया बना रहे हैं जनाब!’
ओवैसी ने कहा, ‘आप शौहर को गिरफ्तार करेंगे, जेल में डालेंगे। क्या जेल में बैठकर कोई शौहर मैंटिनंस देगा? शौहर 3 साल जेल रहेगा तो आप 3 साल तक औरत को उस शादी में बंधे रहने को मजबूर क्यों कर रहे हैं? क्या 3 साल बाद जब शौहर जेल से बाहर आएगा तो वह बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है, गाएगी।’
ओवैसी ने सलाह दी कि सरकार बिल में एक शर्त जोड़ दे कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो उसे मेहर की रकम का 500 गुना देना हो। AIMIM सांसद ने यह भी कहा कि मुस्लिमों में शादी जन्मों का बंधन नहीं बल्कि एक कॉन्ट्रैक्ट है। उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों को उनकी तहजीब और उनके मजहब से दूर करने के लिए लाया गया है।