साल 2016 के सितंबर महीने में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने Jio के जरिए टेलिकॉम इंडस्ट्री में एंट्री की. इसके बाद इंडस्ट्री में प्राइस वॉर की जंग छिड़ गई. हालात ये बन गए कि कई टेलिकॉम कंपनियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा. अब करीब तीन साल बाद 5 सितंबर से जियो की ब्रॉडबैंड सेवा ‘जियो गीगा फाइबर’ शुरू होने वाली है. सिर्फ 700 रुपये प्रति महीने की शुरुआती कीमत की इस योजना में ब्रॉडबैंड के अलावा कई खास सर्विस दी जा रही है. हालांकि रिलायंस के इस सेगमेंट में आने से ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराने वाली डीटीएच और केबल ऑपरेटर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्या है Jio की ब्रॉडबैंड सर्विस
रिलायंस जियो के ब्रॉडबैंड सर्विस में न्यूनतम 100 Mbps से 1 Gbps इंटरनेट स्पीड देने की योजना है. इसके अलावा आजीवन मुफ्त फोन कॉल, मुफ्त एचडी टीवी और डिश उपलब्ध कराई जाएगी. ये प्लान 700 रुपये मासिक से शुरू होकर 10,000 रुपये मासिक तक होंगे. इसके साथ ही जियो ने लैंडलाइन से 500 रुपये मासिक किराये पर अमेरिका और कनाडा में अनलिमिटेड अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल की भी पेशकश की है.
स्पीड बनेगी चुनौती
रिलायंस जियो ने ब्रॉडबैंड सेवा में न्यूनतम 100 Mbps की इंटरनेट स्पीड देने का ऐलान किया है. हालांकि यह स्पीड आगे बढ़ाकर 1 जीबीपीएस की जाएगी. टेलिकॉम इंडस्ट्री के जानकारों की मानें तो हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस की वजह से मार्केट की अन्य कंपनियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी होगी. दरअसल, बीएसएनएल के सबसे सस्ते प्लान में यूजर्स को 50Mbps की स्पीड मिलती है. वहीं टॉप-एंड प्लान में यूजर्स को 100Mbps की स्पीड का ऑफर मिलता है. इसी तरह एयरटेल के वी-फाइबर ब्रॉडबैंड सर्विस की स्पीड 300Mbps है.
यहां बता दें कि बीते सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में जियो गीगा फाइबर की सबसे न्यूनतम स्पीड 100 एमबीपीएस होगी. हमारे पास इसके तहत 1 जीबीपीएस तक की स्पीड उपलब्ध कराने के प्लान हैं. ’’
इसी तरह 2020 के मध्य तक जियो गीगा फाइबर के प्रीमियम ग्राहक घर बैठे फिल्म के रिलीज के दिन ही उसे देख सकेंगे. इसे जियो ने ‘फर्स्ट डे फर्स्ट शो’ का नाम दिया है. इसका बड़ा नुकसान मल्टीप्लेक्स को उठाना पड़ सकता है.
नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स
रिलायंस जियो अपने नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NBIoT) प्लेटफॉर्म पर कम से कम एक अरब डिवाइसेज को कनेक्ट करने की योजना बना रही है. इससे कंपनी को लगभग 20,000 करोड़ रुपये सालाना आमदनी हो सकती है. इसके इस्तेमाल से देशभर में अरबों स्मार्ट सेंसरों से जेनरेट होने वाला डाटा, सबसे कम कीमत में भरोसेमंद तरीके से इकट्ठा किया जा सकेगा. अंबानी ने कहा, ‘जियो का IoT प्लेटफॉर्म 1 जनवरी 2020 से व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगा. ‘ हालांकि इस सेगमेंट में जियो का सामना टाटा कम्युनिकेशंस, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी अन्य कंपनियां से होने की उम्मीद है.