दिल्ली. जेएनयू हिंसा (JNU Violence) मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कुछ फोटो जारी किए हैं. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने फोटो और नाम जारी करते हुए कहा है कि अभी जांच चल रही है. आरोपियों में JNU के पूर्व छात्र चुनचुन कुमार, JNUSU प्रेजिडेंट आईशी घोष, डोलन समान्ता, विकास विजय, प्रिया रंजन, सुचेता तालुकदार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल का नाम जारी करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि इन सभी लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने में सीसीटीवी कैमरों ने मदद की. इन छात्रों में से 7 लेफ्ट जबकि 2 योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल छात्र संगठन ABVP से जुड़े बताए जा रहे हैं.
वहीं साबरमती हॉस्टल में तोड़फोड़ का जो वीडियो सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था उसकी फोटो जारी नहीं की है. पुलिस का कहना है कि बहुत सारे छात्र पढ़ना चाहते हैं, लेकिन लेफ्ट के चार ग्रुप के छात्र उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं कराने दे रहे हैं. स्टाफ के साथ भी धक्का मुक्की कर रहे हैं. सर्वर को बंद कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने आरोप भी लगाया कि लेफ्ट छात्र संगठनों ने ही पेरियार हॉस्टल पर हमला किया था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने ये भी माना कि साबरमती हॉस्टल पर किया गया हमला सुनियोजित था और कमरों को टार्गेट करके ही हमला किया गया था.
मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे. डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया. पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आईशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया. हमले में घायल हुईं आईशी घोष ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए.