कांग्रेस के सीनियर लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा दिए जाने पर पार्टी में इस्तीफों का सिलसिला चल पड़ा है इसी क्रम में सिंधिया ने भी अपना पद छोड़ दिया. इससे पहले मिलिंद देवड़ा समेत संगठन के सैंकड़ों नेता और कार्यकर्ता अपने पदों से इस्तीफ़ा दे चुके हैं.
इस्तीफे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा,’लोगों के फैसले को स्वीकार करते हुए और जवाबदेही लेते हुए, मैंने अपना इस्तीफा एआईसीसी के महासचिव के रूप में राहुल गांधी को सौंप दिया था. मैं उन्हें इस जिम्मेदारी को देने के लिए और मुझे अपनी पार्टी की सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं.’
पार्टी के प्रदर्शन के लिए मैं भी जिम्मेदार
ज्योतिरादित्य ने आगे कहा- मैं ऐसा नेता नहीं हूं जो दूसरों को आदेश दे. मुझे लगता है कि जब कोई जिम्मेदारी होती है, तो जवाबदेही भी आती है. यहां तक कि अगर पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं है तो भी मैं जिम्मेदार हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया.’
एमपी से तन्खा और बावरिया ने दिया इस्तीफ़ा
अभी तक मध्यप्रदेश से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. इसके अलावा प्रदेश प्रभारी और महासचिव दीपक बावरिया और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने विधिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चयन पार्टी की प्रबंध कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा लिया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया इकलौते स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं. साथ ही दीपक बावरिया भी इस समिति में है। इसलिए नए अध्यक्ष के पद पर चयन में यह समिति फैसला लेगी.