दिल्ली सेवा बिल पास होते ही गठबंधन को बाय-बाय कर देंगे केजरीवाल, लोकसभा में बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. अमित शाह ने केजरीवाल को लेकर दावा किया कि वह संसद से बिल के पास होने के बाद गठबंधन को बाय-बाय कर देंगे. अमित शाह ने कहा कि ये बिल पास होने के बाद विपक्ष का गठबंधन INDIA टूट जाएगा और केजरीवाल आपको छोड़कर चले जाएंगे.

अमित शाह ने सीएम केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि आपको दिल्ली की जनता, पानी की चिंता होनी चाहिए, लेकिन नहीं इनको विजिलेंस की चिंता है. क्योंकि विजिलेंस के पास आबकारी घोटाले की फाइल्स है, सीएम के बंगले पर अवैध खर्चे की फाइल है. गृह मंत्री ने आगे कहा कि पार्टी के प्रचार के लिए 90 करोड़ सरकारी पैसे खर्च किए, उसकी फाइल है.

अमित शाह ने कहा कि 1993-2015 तक किसी भी सीएम को कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि जो भी आए उनका मकसद दिल्ली की जनता की सेवा करना था. चाहे कांग्रेस हो या कोई. किसी को लगता है मेरे अधिकार कम है तो चुनाव लड़ने से पहले आर्टिकल पढ़ कर आते. उन्होंने कहा कि दिल्ली राज्य ही नहीं है, ये राजधानी क्षेत्र है. विशेष आर्टिकल के तहत बनाया गया है. दिल्ली के कामकाज के तरीके को संविधान ने स्वीकार किया है.

अमित शाह ने अपने संबोधन में गठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपको डेमोक्रेसी की चिंता है या किसानों की. आप सब गठबंधन को बचाने के लिए सदन में आए हैं. आपको दोहरे चरित्र को देश आज देख रहा है. इस बीच, ये बिल लोकसभा से पास हो गया है. विपक्षी सांसदों बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर चले गए.

बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के जोरदार विरोध के बीच दिल्ली सेवा अध्यादेश के स्थान पर लोकसभा में विधेयक पेश किया था. विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में मंगलवार को विधेयक पेश किया. यह विधेयक लागू होने पर उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को पलट देगा जिसमें दिल्ली की निर्वाचित सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर अधिकार दिए गए थे.

यह विधेयक कानून बनने के बाद उपराज्यपाल को यह अधिकार प्रदान करेगा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती में अंतिम निर्णय उनका ही होगा. कैबिनेट ने 25 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दी थी. विधेयक को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र के बीच तनातनी है.

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