दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को रविवार को नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आदेश देने के लिए आम आदमी पार्टी विपक्षियों के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों की तरफ से सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक सर्कुलर के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल शिक्षकों, प्रिंसिपल, वाइस-प्रिंसिपल, हैप्पीनेस कोऑर्डिनेटर्स और संरक्षक शिक्षकों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए एक परिपत्र जारी किया है। जिसमे दिल्ली सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करके सभी स्कूल से बीस अध्यापको को लाने को कहा गया है।
जिसका साफ़ साफ उद्देश्य है की ज्यादा से ज्यादा भीड़ दिखाए जा सके। आपको बता दे की सोलह तारीख को रविवार पड़ने की वजह से सभी स्कूल बंद रहते है और अधिकतर अध्यापक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में नही जाना चाहते है। लेकिन सरकार ने एक आदेश पारित करते हुए जबरन अध्यापको को लाने को कहा है। ज्ञात को कि अतिथि शिक्षक संघ पिछले कई महीनो से सरकार से नाराज़ चल रहा है। जिसकी साफ़ वजह आम आदमी पार्टी के पिछले घोषणा पत्र में कहा गया था कि दिल्ली के सभी ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों और अध्यापको को पक्का करेंगे लेकिन वादा सिर्फ वादा ही बनकर हवा में उड़ गया। आज भी सभी अतिथि शिक्षक अपने हक्क की लड़ाई लड़ रहे है।
अब इसे लेकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आम आदमी पर पर सवाल उठाए हैं। कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, ”सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आयें ये अच्छी बात है। लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए, टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए, ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है। शपथ ग्रहण को ऐसे “अनावश्यक ग्रहणों” से मुक्त रखना चाहिए।”
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में एक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केजरीवाल अपनी कैबिनेट के साथ रविवार को सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उसके लिए रामलीला मैदान में तैयारियां चल रही हैं। पुलिस ने इस कार्यक्रम के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये हैं।