“सदैव अटल” भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पूण्यतिथि पर जानिए उनकी जीवन शैली :

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं ने दिग्गज दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर शुक्रवार को सदैव अटल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का लम्बी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार थे।

वाजपेयी की याद में शुक्रवार को सदैव अटल नाम से कार्यक्रम भी रखा गया है। अटल की पहली पुण्यतिथि पर जानिए उनसे जीवनकाल से जुड़ी कुछ बातें

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। पिछले साल 16 अगस्त को उनका निधन हो गया। वाजपेयी की पढ़ाई-लिखाई कानपुर में हुई। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। कानपुर से पोस्टग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने एलएलबी के लिए दाखिला लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वह राजनीति में सक्रिय हो गए। अगस्त 1942 में उन्हें और बड़े भाई प्रेम को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 23 दिन के लिए गिरफ्तार किया गया।

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे। 1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रहे थे।

1955 में उन्होंने जनसंघ के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया। इनमें से बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से चुनाव जीतकर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे।

1977 में केंद्र में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। वाजपेयी उस सरकार में विदेश मंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में हिन्दी में भाषण दिया। ऐसा करने वाले वह देश के पहले नेता थे।

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