दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गुरुवार को जमानत दे दी है. केजरीवाल जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज जेल से बाहर आ सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सुबह 10 बजे के करीब अरविंद केजरीवाल के वकील बॉन्ड भरने के लिए जाएंगे. सुनीता केजरीवाल अपने आवास से करीब 10:30 बजे राजघाट जाएंगी.
पार्टी के दूसरे नेता भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. इसके बाद सुनीता केजरीवाल पानी को लेकर अनशन कर रहीं मंत्री आतिशी से मिलने जाएंगी. इसके बाद सुनीता आवास पर लौटेंगी और बाकी सभी नेता तिहाड़ जेल जाएंगे. वहीं, करीब 4 बजे सुनीता केजरीवाल भी तिहाड़ जेल पहुंचेंगी.
कोर्ट ने जमानत पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील भी खारिज कर दिया. वह इस दौरान ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटा सकती थी. दरअसल, एक्साइज पॉलिसी के मामले में सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वहीं लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. जिसके बाद 2 जून की शाम को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.
सीएम केजरीवाल को रिहा करने का आदेश
अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए सीएम केजरीवाल को रिहा करने का आदेश दिया है. हालांकि कोर्ट ने कई शर्तें भी लगाईं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह जांच को बाधित करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. स्पेशल जज ने सीएम केजरीवाल को यह निर्देश दिया कि जब भी जरूरी होगा, वह कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.
मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत नहीं
बता दें कि कोर्ट ने गुरुवार दिन में ईडी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. ईडी ने अपराध से हुई कथित कमाई और सह आरोपियों के साथ केजरीवाल का संबंध स्थापित करने की कोशिश की जबकि बचाव पक्ष ने दावा किया कि अभियोजन के पास आप नेता को घेरने के लिए सबूत नहीं है.
आज जेल से बाहर आएंगे केजरीवाल
फिलहाल जमानत मिलने के बाद अब सीएम केजरीवाल के वकील आज जमानती बांड भर सकते हैं जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा किया जाएगा. दूसरी तरफ, ऐसी संभावना है कि ईडी आने वाले दिनों में ऊपरी अदालत में इस आदेश को चुनौती भी दे सकती है.
मोदी सरकार पर हमला करने का मौका
वहीं केजरीवाल को नियमित जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी और उसके सहयोगियों को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिलेगा. क्योंकि कठोर धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 45 के अनुसार जमानत केवल तभी दी जा सकती है कि जब जज को प्रथम दृष्टया यह लगे कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है.