शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना है. लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उनको 10 मई को अंतरिम जमानत दी थी. अब सीएम केजरीवाल की ओर से स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की गई है. उन्होंने हाल ही में कराई गई अपनी मेडिकल जांच की रिपोर्ट्स भी पेश की हैं.
अरविंद केजरीवाल ने अपनी अर्जी में किडनी संबंधी परेशानी का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट से कहा है, अगर अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाई जाती है तो वो 9 जून को सरेंडर कर देंगे. कहा है कि वो न्यायालय को अवगत करा रहे हैं कि वो मधुमेह (डायबिटीज) मेलिटस से पीड़ित हैं, जो बहुत है अस्थिर है. वो 21 मार्च से 10 मई तक जेल में थे, जहां उनकी तबीयत और नासाज हुई है.
लापरवाह जेल अधिकारियों का व्यवहार जिम्मेदार
आवेदन में आगे कहा है कि जेल में उनको कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा. इसके लिए कुछ हद तक लापरवाह और संवेदनहीन जेल अधिकारियों का व्यवहार जिम्मेदार है. हिरासत की उपरोक्त अवधि के दौरान लगभग 6-7 किलोग्राम वजन कम हो गया, जो अब तक अपने पूर्व स्तर पर नहीं पहुंचा है. समय-समय पर चक्कर आना भी शुरू हो गया, दिल की धड़कन बेकाबू हो गई और अत्यधिक सुस्ती आने लगी है.
‘मेडिकल जांच रिपोर्ट्स इसकी पुष्टि करती हैं’
अर्जी में केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि हालिया मेडिकल जांच रिपोर्ट्स इसकी पुष्टि करती हैं कि असामान्य रूप से ब्ल्ड प्रेशर हाई होने की भी समस्या हुई है. यूरिन में कीटोन का स्तर बढ़ा है और गुर्दे से संबंधित समस्या भी बढ़ी है. 20 मई को कराई गई जांच रिपोर्ट भी संलग्न हैं.
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि वो दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. डॉक्टरों की जांच में यह सामने आया है कि उन्हें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. समय पर पूरा इलाज किया जाना चाहिए. बीमारी को दूर करने के लिए पूरे शरीर की पीईटी-सीटी होल्टर मॉनिटर टेस्ट कराने का सुझाव दिया गया है, इसे पूरा करने में कुल मिलाकर लगभग 5-7 दिन लगेंगे.