मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब घोटाले मामले में आज शनिवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत दे दी और उन्हें कोर्ट से वापस जाने को कह दिया. कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को 15,000 रुपये के मुचलके और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. इससे पहले इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश होने के लिए केजरीवाल को अब तक 8 बार समन जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए. मामला अब कोर्ट में है.
कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद केजरीवाल कोर्ट से बाहर निकल गए, हालांकि ईडी की ओर से दर्ज किए गए 2 मामलों की सुनवाई अभी जारी रहेगी. मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी.
इससे पहले कल शुक्रवार को राजधानी दिल्ली की एक सत्र अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का समन नजरअंदाज करने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. राउज एवेन्यू की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा की कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है. कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ED का पक्ष रखेंगे तो अरविंद केजरीवाल के लिए दो वकील रमेश गुप्ता और राजीव मोहन पेश हुए.
केजरीवाल की याचिका हुई थी खारिज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत से राहत नहीं मिली थी. दरअसल दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर शिकायत मामले में मजिस्ट्रेट अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की सीएम केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि, अदालत ने केजरीवाल को मामले में हाजिर होने से छूट पाने के लिए निचली अदालत में जाने की छूट दी.
ईडी द्वारा दिल्ली शराब घोटाले मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी समन में नहीं पहुंच रहे थे जिस के चलते केजरीवाल के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दो शिकायतें दर्ज की गई थी.
बीजेपी ने साधा निशाना
राउज़ एवेन्यू कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी के सामने पेश होने पर बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज का कहना है, “राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर स्टे देने से इनकार कर दिया है. अब सीएम अरविंद केजरीवाल को खुद ईडी के सामने पेश होना होगा. उन्होनें कहा कि यहां तक कि इस देश की अदालतें भी अब तक अच्छी तरह से समझ चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल समन से भाग रहे हैं. पीएमएलए अधिनियम के तहत, जब भी आपको समन किया जाए तो केंद्रीय एजेंसी/निकाय के सामने उपस्थित होना अनिवार्य है.