दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू है. इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों (Migrant Labours) और गरीबों पर पड़ा है. उनके सामने न सिर्फ खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया, बल्कि उन्हें कमाई का भी कोई जरिया नहीं दिख रहा है. इसी वजह से वह अपने-अपने गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं. पलायन करने वाले मजदूर हादसों का शिकार भी हो रहे हैं. पिछले 10 दिनों के अंदर हुए अलग-अलग हादसों में अब तक 99 मजदूरों की मौत हो चुकी है और 93 मजदूर जख्मी हुए हैं.
आइए एक नजर डालते हैं इन हादसों पर:-
- उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में प्रवासी मजदूरों से भरी डीसीएम में शनिवार सुबह ट्रक ने टक्कर मार दी. इस हादसे में अब तक 24 मजदूरों की मौत हो गई. इस घटना में 35 लोग घायल हैं. घायलों को जिला अस्पताल व सैफ़ई पीजीआई भेजा गया है. जिला प्रशासन मौके पर मौके पर मौजूद है.
- वहीं, मध्य प्रदेश के गुना में फिर शुक्रवार देर हुए भीषण सड़क हादसे में 3 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई. तीनों श्रमिक उत्तर प्रदेश के थे और मुंबई से अपने घर लौट रहे थे. ये श्रमिक एक पिकअप वाहन में सवार थे जिसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी. हादसे में 15 मजदूर घायल हो गए हैं.
- इससे पहले गुरुवार को गुना में ही हुए सड़क हादसे में 9 श्रमिकों की मौत हो गयी थी. श्रमिकों से भरे मिनी ट्रक में एक बस ने टक्कर मार दी थी. उस दुर्घटना में 7 श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गयी थी. एक्सीडेंट में करीब 55 मज़दूर घायल भी हो गए थे.
- उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बुधवार देर रात 11:45 बजे रोडवेज बस ने पैदल जा रहे मजदूरों को कुचल दिया. इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर भी मौत हो गई और 4 मजदूर घायल बताए जा रहे हैं. मारे गए सभी मजदूर बिहार के गोपालगंज के रहने वाले थे. ये सभी पंजाब से पैदल घर लौट रहे थे.
- 10 मई को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक सड़क हादसे में 5 मजदूरों की जान चली गई. नरसिंहपुर जिले के मुंहवानी थाने के पाठा गांव के आस पास आम से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. इस ट्रक में 20 मजदूर सवार थे, जो हैदराबाद से उत्तर प्रदेश एटा और झांसी जा रहे थे. 5 मजदूरों की मौत ट्रक में दबकर हो गई, जबकि 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है.
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीते गुरुवार देर रात हुए रेल हादसे में 16 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वाले सभी 16 मजदूर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. इनमें से 11 शहडोल जिले और 5 उमरिया जिले के थे. ये सभी मजदूर औरंगाबाद से मध्य प्रदेश स्थित अपने गृह जनपद के लिए पैदल ही निकले थे. करीब 40-45 किलोमीटर पैदल चलने के बाद ये सभी थककर औरंगाबाद-जालना रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे.