दिवाली के जश्न में सुप्रीम कोर्ट का आदेश धुआं धुआं हो गया. रविवार की रात दिवाली के मौके पर गाजियाबाद से दिल्ली तक और फरीदाबाद से लेकर गुरुग्राम तक खूब आतिशबाजी हुई. दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के बावजूद देर रात तक धूम धड़ाका होता रहा. नतीजा सोमवार की सुबह सबके सामने है. दिल्ली की हवा एक बार फिर से खराब हो गई.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबित, सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जबकि बहुत से इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है. सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 275 है. दिल्ली के अलग-अलग स्टेशन्स में AQI 500 के पार दर्ज किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर
ITO में AQI 500 दर्ज
IGI एयरपोर्ट पर AQI 449 दर्ज
RK पुरम में AQI 500 दर्ज
आनंद विहार में AQI 488 दर्ज
गुरुग्राम में AQI 413 दर्ज
नोएडा में AQI 488 दर्ज
गाज़ियाबाद में AQI 414 दर्ज
आंखों में जलन और सांस लेने में हुई दिक्कत
शुक्रवार को हुई बारिश और शनिवार को चली तेज हवाओं के चलते रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की हवा में काफी सुधार दर्ज किया गया था. रविवार की सुबह हवा की गुणवत्ता सुधरकर AQI 200 के आसपास तक पहुंच गई थी. ऐसा बीते आठ 8 में पहली बार था, जब दिल्ली की हवा इतनी साफ मिली थी, लेकिन जैसे ही शाम हुई और लोगों ने दिवाली के दीये जलाने के बाद आतिशबाजी शुरू की, दिल्ली की हवा एक बार फिर से खराब हो गई. रात में 10 बजे तक के दिल्ली का पूरा वातावरण धुंध से कवर हो चुका था. कई जगह तो लोगों को आंखों में जलन या सांस लेने में दिक्कत का भी एहसास हुआ.
मुंबई में भी वायु प्रदूषण चरम पर
मुंबई में एक्यूआई 288 के पार पहुंच गया है. मुंबई में 24 घंटे में 150 करोड़ रुपये के पटाखे फोड़े गए.बॉम्बे हाई कोर्ट ने वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद रात 8 से 10 बजे तक फट्टाखे फोड़ने का समय दिया था.करवाई के लिए मुंबई के 24 वार्ड में 95 स्क्वॉड बनाए गए थे, लेकिन लगता है कार्रवाई सिर्फ कागजों पर हुई.
पंजाब में कुल 987 जगहों पर पराली जलाने के मामले दर्ज
उधर, दिवाली के मौके पर पंजाब में पराली जलाने के मामलों में उछाल दिखा. रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में कुल 987 जगहों पर पराली जलाने के मामले रिकार्ड किए गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा पराली संगरूर जिले में जलाई गई है. यहां सेटेलाइट पर 308 स्थानों पर पराली जलाने के मामले चिन्हित किए गए हैं. इससे पहले यहां11 नवंबर को 109 मामले दर्ज किए गए थे. 10 नवंबर को तो पंजाब में केवल 6 स्थानों पर ही पराली जली थी. हालांकि माना जा रहा था कि बारिश की वजह से 10 नवंबर को पराली नहीं जलाई गई थी. अब तक पंजाब में पराली जलाने के कुल 24717 मामले सामने आ चुके हैं.