उत्तर प्रदेश के नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर जीत का परचम लहराया है. बीजेपी प्रत्याशियों ने निगम की सभी 17 सीटें जीत ली हैं. प्रत्याशी इस जीत का श्रेय उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को दे रहे हैं. हालांकि, सीएम योगी का जादू नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में नहीं चल पाया, खासकर मेरठ, गाजियाबाद और सहारनपुर में. यहां पर बीजेपी प्रत्याशियों को निर्दलीयों ने करारी मात दी है.
मेरठ, गाजियाबाद और सहारनपुर में नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो बीजेपी को सबसे ज्यादा निर्दलीयों से टक्कर मिली है. कई सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे हैं. इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ और सहारनपुर की बात करें तो नगर पालिका और पंचायत अध्यक्षों की 90 में से 64 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को करारी हार झेलनी पड़ी है. बीजेपी यहां से 26 सीटों पर विजयी रही है.
बीजेपी प्रत्याशियों पर निर्दलीय उम्मीदवार भारी पड़े
बागपत, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में भी बीजेपी प्रत्याशियों पर निर्दलीय उम्मीदवार भारी पड़े हैं. इन तीनों जगहों पर बीजेपी को सिर्फ एक-एक सीट पर जीत मिली है. यहां भी निर्दलीय उम्मीदवार भारी पड़े हैं. हालांकि, इन इलाकों से बीजेपी के दिग्गज नेता आते हैं. जनरल वीके सिंह जो कि अब सेवानिवृत हो चुके हैं, वह गाजियाबाद से सांसद हैं. वहीं, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान कैबिनेट मंत्री है. इसके अलावा भी बीजेपी कई दिग्गज नेता इन इलाकों से आते हैं, बावजूद नगरपालिका चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है.
बागी उम्मीदवारों ने बिगाड़ा खेल
इस बार नगरपालिका चुनाव में बीजेपी को उसके बागी नेताओं ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. आरोप लगे कि टिकट बंटवारे के दौरान सालों तक काम कर रहे पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया. हालांकि, इन्हें उम्मीद थी कि पार्टी इस बार चुनाव में टिकट देगी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद कई सीटों पर इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजय हासिल की. पार्टी ने कई जगहों पर ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया जिन्होंने कुछ दिन पहले ही पार्टी को ज्वाइन किया था. नोएडा की जेवर सीट पर भी ऐसा ही हुआ. यहां से पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया जिसे पार्टी ज्वाइन किए हुए ज्यादा दिन नहीं हुए थे.