मुंबई: देशभर में फाइनल ईयर कॉलेज एग्जाम्स को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है। लाखों स्टूडेंट्स को इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है कि कोरोना (Corona) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर / सेमेस्टर के एग्जाम्स लिए जाएंगे या नहीं।
कुछ दिन पहले हरियाणा ने परीक्षाएं न कराने का फैसला लिया था। अब महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) ने भी फाइनल ईयर एग्जाम्स पर निर्णय ले लिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में किसी भी प्रोफेशनल या नॉन-प्रोफेशनल कोर्स के लिए फाइनल ईयर के एग्जाम्स नहीं लिए जाएंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddav Thackeray) ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भी लिखा है। पत्र में उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से अपील की है कि वे एआईसीटीई (AICTE), बार काउंसिल ऑफ इंडिया, एनसीटीई (NCTE) समेत अन्य सभी राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाओं को महाराष्ट्र सरकार के फैसले में समर्थन देने की निर्देश दें।
फिर कैसे बनेंगे रिजल्ट्स
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO Maharashtra) द्वारा जारी बयान के अनुसार, विभिन्न कोर्सेस में फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा लिए किस तरह अंक दिए जाएं, रिजल्ट कैसे तैयार किया जाए.. इसका फॉर्म्यूला संबंधित यूनिवर्सिटीज तैयार करेंगी।
महाराष्ट्र ने क्यों लिया ये फैसला
गौरतलब है कि देश में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। ऐसे में परीक्षाएं कराना या कक्षाएं शुरू कराना सुरक्षित नहीं है। हालात देखते हुए कुछ दिन पहले यूजीसी (UGC) द्वारा जारी नए दिशानिर्देश के आधार पर महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला लिया है।
यूजीसी ने कॉलेज परीक्षाओं के संबंध में जारी अपने नए दिशानिर्देश में कहा है कि अगर परीक्षा कराने के हालात नहीं बन पा रहे हों, तो सभी यूनिवर्सिटी एग्जाम्स रद्द किए जा सकते हैं।