संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता संसद के शीतकालीन सत्र से बाहर रहने की संभावना है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है. गांधी के साथ इन नेताओं के पार्टी की चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में अपनी भागीदारी जारी रखने की उम्मीद है. इस संबंध में शनिवार शाम को 4 बजे पार्टी की अहम बैठक होनी है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष पर फैसला होने की संभावना है.
बताया गया है कि कांग्रेस आज संसद के शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने की रणनीति पर बैठक कर आज चर्चा करने जा रही है. सूत्रों ने अनुसार, इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, निचले सदन में मुख्य सचेतक के. सुरेश, राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश और अन्य दिग्गज नेता शामिल होंगे. यह बैठक कांग्रेस संसदीय दल की मुख्या सोनिया गांधी के घर पर होगी.
शीतकालीन सत्र में आयोजित होंगी 17 बैठकें
मौजूदा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और कांग्रेस को यह तय करना होगा कि पार्टी की एक-व्यक्ति-एक-पद नीति के मद्देनजर उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में भूमिका जारी रखने की अनुमति दी जाएगी या नहीं.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऐलान करते हुए कहा था कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 से 29 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 23 दिनों में 17 बैठकें होंगी. अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कार्य और अन्य मदों पर चर्चा की उम्मीद है. सरकार रचनात्मक बहस के लिए तैयार है.
केंद्र सरकार जरूरी विधेयकों की करेगी लिस्ट तैयार
शीतकालीन सत्र का पहला दिन मौजूदा सदस्यों के निधन के मद्देनजर स्थगित किए जाने की संभावना है. हाल ही में जिन मौजूदा सांसदों का निधन हुआ है उनमें समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी शामिल हैं. चूंकि कोविड की संख्या में काफी गिरावट आई है और लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अधिकांश सदस्यों व कर्मचारियों का पूरी तरह से टीकाकरण किया गया है, इसलिए सत्र बिना किसी बड़े कोविड संबंधित प्रतिबंधों के आयोजित होने की संभावना है.
यह उल्लेख करना उचित है कि यह पहला संसद सत्र होगा जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति हैं वह उच्च सदन को चलाएंगे. इस सत्र में, केंद्र सरकार आगामी सत्र के दौरान पारित होने वाले विधेयकों की एक सूची तैयार करेगी, जबकि विपक्ष अत्यावश्यक मुद्दों पर चर्चा की मांग करेगा. मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ था और 8 अगस्त को स्थगित हो गया था. इस सत्र में 22 दिनों की अवधि में 16 सत्र हुए थे.