जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस खेमे में आज भी जबरदस्त हलचल है. राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल की विधायकों के साथ बैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यसभा का चुनाव दो महीने पहले हो सकता था, लेकिन हॉर्स ट्रेडिंग पूरी ना होने से राज्यसभा चुनाव टला था. देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कोरोना की चिंता नहीं है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी की सोच फासिस्ट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश को कांग्रेस मुक्त करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस लोगों के रग-रग में है. हम मिलकर फासिस्ट ताकतों को हराएंगे.
वहीं, डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि किसी शक नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस के प्रत्याशी जीतेंगे. हमारे दोनों प्रत्याशी निश्चित तौर पर जीतेंगे और कांग्रेस का हर कार्यकर्ता और विधायक एक साथ था, है और रहेगा.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी लोकतंत्र को ध्वस्त करने में जुटी है.कोरोना काल में राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की साजिश की गई. कोरोना से लड़ने में भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ हुई. मोदी-शाह प्रजातंत्र का चीरहरण करने की कोशिश कर रहे हैं.
रिजॉर्ट में शिफ्ट किए गए हैं कांग्रेसी विधायक
गौरतलब है कि आगामी 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी चौकस नजर आ रही है. पार्टी ने अपने विधायकों को टूटने से बचने के लिए अपने और निर्दलीय विधायकों को एक रिजॉर्ट में रखा है. यही पर पार्टी नेताओं और विधायकों के बीच मीटिंग हुई.
राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होगा, जहां कांग्रेस ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं -के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी, जबकि बीजेपी ने भी दो उम्मीदवार -राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है.
कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और उसे आरएलडी के एक विधायक, और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में कांग्रेस की दो सीट पर जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन बीजेपी ने मामला फंसा दिया है.