आरोपियों के खिलाफ आईपीसी 182 की कार्रवाई, 6 महीने की सजा का है प्रावधान,नाटक के अनुसार अपह्रत लड़के को पलवल, रहीमपुर रोड से किया बरामद,1 नवंबर को मां की शिकायत बेटे के अपहरण का मुकदमा थाना खेड़ी पुल में दर्ज किया गया थाआरोपी पड़ोसियों से झगड़े का लेना चाहते थे बदला। अपहरण का नाटक रच, झूठी शिकायत थाने में दी गई थी
फरीदाबाद- डीसीपी क्राइम मुकेश मल्होत्रा के द्वारा थाना खेड़ी पुल में दर्ज हुए अपहरण के मामले का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई के दिए गए दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 प्रभारी जोगिंदर सिंह की टीम ने अपहरण के मामले का पर्दाफाश करते हुए लड़के को बरामद किया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गुमशुदा लड़के रवि की मां मिथिलेश निवासी पुरानी चुंगी ओल्ड फरीदाबाद ने 31 अक्टूबर को थाना खेड़ी पुल में अपने लड़के की अपहरण करने की झूठी शिकायत दी थी जिस पर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तुरंत लड़की की तलाश शुरू कर दी थी। मामले में संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 को दी थी। क्राइम ब्रांच टीम इंचार्ज ने तुरंत मामले में कार्रवाई के लिए SI श्यामवीर नेतृत्व मे ASI देवेंदर, HC संदीप कुमार, HC विक्रम सिंह, सिपाही सिकन्दर कुमार की एक टीम गठित की। क्राइम ब्रांच टीम ने मामले में कार्रवाई करते हुए अपने गुप्त सूत्रों की सुचना तकनीकी माध्यम व सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से मामला संदिग्ध लगा पुलिस टीम ने लड़के का पता लगाया जिसको पलवल के रहीमपुर मार्ग से सकुशल बरामद कर लिया है।
लड़के ने भी शुरुआती पूछताछ में पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस को संदेह होने पर लड़के ने बनाई योजना का जिक्र किया । विस्तृत पूछताछ करने पर लड़के के द्वारा योजना के बारे में बताया जिसमें लड़का अपनी मां के साथ गांव बुढ़ेना किसी से मिलने गए थे रास्ते में योजना के अनुसार लड़के ने मोटरसाइकिल को साइड में गिरा कर ऑटो से बदरपुर बॉर्डर गया वहां से ओला बुक कर उत्तर प्रदेश के गाँव खुर्जा अपने किसी जानकार के पास चला गया था। लड़के की मां ने जिसकी झूठी अपहरण करने की सूचना थाना खेड़ी पुल में नामजद आरोपी व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। लड़के ने बताया कि पडोसी के साथ दिवाली पर झगड़ा हो गया था जिसका बदला लेने के लिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया है।
क्राइम ब्रांच टीम ने पूछताछ के बाद आरोपियों के खिलाफ आईपीसी 182 की धारा के तहत कार्यवाही की गई है जिसमें 6 महीने की सजा का प्रावधान है।