पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद वोटो में हुई गिनती से साफ़ हो गया है कि कांग्रेस तीन राज्यों में अपनी सत्ता बनाने जा रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ के परिणाम तो समय से मिल गए थे लेकिन मध्यप्रदेश की सियासत में देर रात तक चुनावी ड्रामा चलता रहा. चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के परिणाम घोषित कर दिए है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस आगे रही है और बीजेपी दूसरे स्थान पर पहुँच गयी है लेकिन कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो कदम पीछे रह गयी है. अंतिम नतीजों में कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं. दूसरी तरफ बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ेगा. बसपा और सपा पहले ही कांग्रेस के साथ जाने के वादा कर चुकी है इसलिए कांग्रेस की राह सत्ता तक पहुचने की लिए आसान होगी.
इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब आठ फीसदी बढ़ा. उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी. आपको बता दें कि कांग्रेस ने 2003 में मध्य प्रदेश की सत्ता गंवाई थी और इसके बाद भाजपा ने अगले 15 साल तक सूबे पर शासन किया.
दरअसल, बीते 15 सालों से राज्य में बीजेपी की सरकार थी. कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी का फायदा मिला है. मगर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस पूरी तरह से इन इनकंबेंसी को नहीं भूना पाई. क्योंकि कांग्रेस को राज्य में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया. बता दें कि कांग्रेस भले ही राज्य में बहुमत के आंकड़े से दो कदम दूर रह गई, मगर कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को हरा कर लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद कर दिया है