दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी सोमवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दी। चारों दोषियों को मंगलवार को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी। निर्भया हत्या और बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक पवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने सोमवार को खारिज कर दिया। इसीलिए, अब दया याचिका खारिज होने के बाद नया डेथ वारेंट जारी किया जाएगा। इसका मतलब है कि तीन मार्च (मंगलवार) की सुबह 6 बजे होने वाली फांसी अब टल गई है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई कर अगले आदेश तक के लिए फांसी टाल दी है।
दया याचिका खारिज होने के बाद क्या?
दरअसल, जेल मैन्युअल में लिखा गया है कि सारी लीगल रैमेडीज खत्म होने के बाद…दया याचिका खारिज होने के बाद भी अपराधी को चौदह दिन से पहले फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। जेल मैन्युअल में लिखी इसी बात का फायदा उठाते हुए निर्भया के दोषी अभी तक तीन बार फांसी टलवा चुके हैं और अब ये चौथा मौका होगा जब फांसी फिर टल है। हर बार फांसी की तारीख से ठीक पहले दोषी ऐसी ही करके फांसी टलवाते आ रहे हैं।
वो खौफनाक रात…
दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की दरम्यानी रात छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से बर्बर बलात्कार किया था और फिर उसे बस से सड़क पर फेंक दिया था। इस लड़की को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ से जाना गया। बाद में 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। राम सिंह नाम के आरोपी ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में शामिल एक नाबालिग को तीन साल तक किशोर सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।