मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली जिले के भोसे गांव में 400 साल पुराना बरगद का पेड़ एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल इस पेड़ को बचाने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को निर्माणाधीन हाइवे का नक्शा तक बदलना पड़ गया. बताया जाता है कि निर्माणाधीन रत्नागिरी- नागपुर हाइवे नंबर 166 के बीच में बरगद का ये विशाल और पुराना पेड़ आ रहा था. खबर है कि रोड बनाने के लिए इस पेड़ को काटने की तैयारी थी, जिसका पर्यावरणवादी कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं.
सोशल मीडिया से शुरू हुई विरोध की आवाज शुक्रवार को महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के कार्यालय तक पहुंच गई. इसके बाद आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में तुरंत नितिन गडकरी से बात की और इस पेड़ को बचाने की मांग की. आदित्य ठाकरे से बात करने के बाद नितिन गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में ही बदलाव करके ये प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया है.
बता दें कि निर्माणाधीन रत्नागिरी- नागपुर हाइवे नंबर 166 सांगली जिले के भोसे गांव के पास से गुजर रहा है. इस हाइवे के रास्ते में 400 साल पुराना एक बरगद का पेड़ आ रहा था, जिसे हटाने की तैयारी चल रही थी. सांगली के पर्यावरणवादी कार्यकर्ता पेड़ काटने का विरोध कर रहे थे. सोशल मीडिया के जरिए इस विरोध की जानकारी महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे तक जा पहुंची और उन्होंने इसमें दखल दिया. आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात की और पेड़ बचाने की गुजारिश की.
बता दें कि नितिन गडकरी ने अपने विभाग के अधिकारियों से इस मसले पर बात की है और हाइवे के नक्शे में तब्दीली करने को कहा है, जिससे 400 साल पुराने पेड़ को बचाया जा सके.