अयोध्या में शराब की दुकानों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने मंगलवार को विधान परिषद में बताया कि अयोध्या में ‘श्री राम मंदिर’ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी शराब की दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। बसपा सदस्य भीमराव अम्बेडकर के प्रश्न का जवाब देते वक्त आबकारी मंत्री ने बताया कि- ‘आबकारी दुकानों की संख्या और स्थिति नियमावली 1968 बनाई गई है, जिसमें समय-समय पर जरूरत के हिसाब से संशोधन किए जाते हैं।
अभी नियमावली में संशोधन पर विचार नहीं: मंत्री
बसपा सदस्य भीमराव अम्बेडकर ने अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र की बस्तियों से सरकारी देशी शराब की दुकानों को हटाने की मां की थी। जिसपर मंत्री ने बताया कि नियमावली के तहत सार्वजनिक पूजा स्थल, अस्पताल, स्कूल या फिर आवासीय कॉलोनी के 50, 75 और 100 मीटर की दूरी के अंदर दुकानों को लाइसेंस नहीं दिया जाता है। सरकार अभी नियमावली में संशोधन पर विचार नहीं कर रही है।
प्रयागराज में भी मांस-शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग
विश्व हिन्दू परिषद ने भी प्रयागराज में संगम के 5 किमी के दायरे में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। इस बारे में सीएम योगी को चिट्ठी लिखी गई है। इसमें कहा गया है कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मांग पर गौर नहीं किया तो जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। चिट्ठी के ज़रिए यह भी कहा गया है कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के आस-पास दस किलोमीटर के क्षेत्र को धर्म स्थान मानते हुए मांस-मदिरा की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगी हुई है।