ओडिशा के कटक में कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने पुलिस प्रशासन पर एफआईआर न लिखने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस ने सामूहिक बलात्कार का शिकार बनी छात्रा की शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया. बाराबती-कटक सीट से पहली मुस्लिम विधायक रही सोफिया ने पुलिस की जवाबदेही की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने कथित रूप से महिला को शिकायत दर्ज कराने के लिए एक पुलिस थाने से दूसरे थाने तक भेजा.
बातचीत के दौरान सोफिया ने कहा कि उन्होंने डीजीपी वाई.बी. खुरानिया से इस घटना को लेकर मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा है. उनका आरोप है कि जब पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने का रुख किया, तो कटक के तीन पुलिस थानों ने इसे दर्ज करने से मना कर दिया.
पुलिस ने मामला दर्ज करने से किया इंकार
सोफिया ने यह भी दावा किया कि पीड़िता से मौजूदा समय में संपर्क नहीं हो पा रहा है और उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता है. उन्होंने कहा “कटक जैसे घनी आबादी वाले शहर में ऐसी घटनाएं पहले कभी नहीं हुईं, अगर यहां ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो यह चिंता का विषय है.” आगे उन्होंने कहा कि मुझे सुनने को मिला है कि पुलिस ने शुरू में मामला दर्ज नहीं किया. कांग्रेस नेता का दावा है कि महिला सबसे पहले पुरी घाट पुलिस स्टेशन, फिर सदर पुलिस स्टेशन और फिर बारंग पुलिस स्टेशन गई. उसके बाद बदमबाड़ी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.
क्या है पूरा मामला ?
वहीं पुलिस का कहना है कि इस मामले में वह छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि इन गिरफ्तारियों में छात्रा का प्रेमी भी शामिल है, जिन्होंने छात्रा के साथ कई बार सामूहिक बलात्कार किया और उन कृत्यों का वीडियों बनाया. छात्रा का कहना है कि कि वह अपने प्रेमी के साथ पुरी घाट पुलिस स्टेशन क्षेत्र के एक कैफे में अपनी जन्मदिन की पार्टी मनाने गई थी. प्रेमी ने कैफे के मालिक की मदद से उनके कुछ निजी पलों का वीडियो अपने फोन पर शूट किया. उसी वीडियो के जरिए प्रेमी और उसके दोस्तों ने उसे ब्लैकमेल किया और बार-बार रेप किया.
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाए हुए है और 2026 तक ओडिशा को इस तरह के अपराधों से मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.