राहुल गांधी की अनुपस्थिति में कपिल सिब्बल के डिनर पर जुटे विपक्षी नेता, बीजेपी के ख़िलाफ़ मज़बूत मोर्चे पर हुई बात

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को आज डिनर पर बुलाया. इस डिनर में 15 पार्टियों के क़रीब 45 नेता और सांसद जुटे. इनमें लालू यादव, शरद पवार, अखिलेश यादव, डेरेक ओब्रायन, सीताराम येचुरी और संजय राउत जैसे नेता शामिल हैं. इतना ही नहीं इसमें बीजेडी के पिनाकी मिश्रा, अकाली दल के नरेश गुजराल, और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी शामिल हुए. साथ ही टीडीपी टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस और आरएलडी के नेता भी शामिल हुए. ये वो पार्टियां हैं जो अमूमन विपक्षी पार्टियों की बैठकों या तो बुलाई नहीं जातीं या फिर आती नहीं हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने नाश्ते पर बुलाया था तो आम आदमी पार्टी न्योते के बाद भी शामिल नहीं हुई थी.
मीडिया में चली खबरो के अनुसार कपिल सिबल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस के सिपाही होने के नाते हम चाहते हैं कि बीजेपी के ख़िलाफ़ एक मज़बूत मोर्चा बने. सिबल की बात का सभी नेताओं ने समर्थन किया. सूत्रों के मुताबिक़ सबसे लंबा शरद पवार बोले. उन्होंने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं. आप जो पार्टी के भीतर और बाहर जो भी मुद्दे उठाते हैं वो सही हैं. इस पर सिबल ने कहा कि पार्टी के भीतर जो हम उठाते हैं वो अलग मामला है लेकिन यहां सवाल विपक्षी एकता का है.
जेल से छूटने और अपनी तबियत ठीक होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ लालू यादव का ये पहला सामूहिक डिनर था. इस मौक़े पर लालू यादव ने भी सिबल की बातों से सहमति जताते हुए विपक्षी एकता को मज़बूत करने की दिशा में क़दम उठाने की ज़रुरत बतायी और कहा कि यहां बैठे लोगों में वो ताक़त है. हम जब भी मुश्किल में आते हैं सिबल साहेब को याद करते हैं. कांग्रेस पार्टी इन लोगों के अनुभव का फ़ायदा उठाए.
मीडिया में चली खबरो के अनुसार मुताबिक़ एक अहम बात बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने कही. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि बीजेडी कई मुद्दों पर कांग्रेस के साथ होना चाहती है पर उनको नहीं पता कि बात किससे की जाए. ये अलग बात है कि बीजेडी हमेशा बीजेपी के साथ चलती हुई देखी गई है.
मीडिया में चली खबरो के अनुसार मुताबिक़ अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्ष को कपिल सिबल, ग़ुलाम नबी आज़ाद और भूपिन्दर सिंह हुडा की पहचान का फ़ायदा उठाना चाहिए.
अकाली दल की तरफ़ से कहा गया कि किसानों के मुद्दे पर एकजुट हैं और वाईएसआर की तरफ़ से कहा गया कि हम देश की बेहतरी के लिए पुरानी बातों को भूलने को तैयार हैं.
इस मौक़े पर सबने अहमद पटेल को भी याद किया और कहा कि उनकी कमी खलती है.

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