अभिभावक आश्वस्त रहें कोरोना खत्म होने के बाद ही खुलेंगे दिल्ली के स्कूल: अरविन्द केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रध्वज फहराया और तिरंगे को सलामी दी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली और देश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देने के साथ ही राजधानी के अभिभावकों को भी आश्वस्त कर दिया कि जब तक कोरोना महामारी का खात्मा नहीं होता यहां के स्कूल नहीं खुलेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि वह अभिभावकों को भरोसा दिलाते हैं कि जब तक उनके बच्चों की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित नहीं कर ली जाती तब तक दिल्ली के स्कूल नहीं खोले जाएंगे।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए सभी को शुभकामनाएं और बधाइयां दीं उन्होंने कहा, आज का दिन उन सभी शहीदों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान, सुभाष चंद्र बोस ऐसे लाखों लोग हैं जिन्होंने अपने देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं। महात्मा गांधी, सरदार पटेल, बाबा साहब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू यह वह लोग हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए तपस्या की।

आज का दिन उन लोगों को भी याद करने का दिन है, जिन्होंने पिछले 73 साल में देश की आजादी को बरकरार रखने के लिए और देश को सुरक्षित रखने के लिए देश की सीमाओं पर अपनी बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं।

अभी पिछले दिनों हमने सुना कि भारत चीन बॉर्डर पर हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए। आज जब हम खुली हवा में सांस लेते हैं और आजादी से घूमते हैं तो हम भूल जाते हैं कि ना जाने कितने ऐसे सैनिकों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है। आज उन सभी सैनिकों को हम याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं और उनको नमन करते हैं।

लेकिन साथ ही यह प्रतिज्ञा भी लेते हैं कि जितने लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी और आजादी के जो दीवाने थे उनके जो सपने हैं उनके सपनों को पूरा करने में अपना योगदान दें। दिल्ली के अंदर कोरोना को लेकर आज हालात काफी कंट्रोल में हैं।
पांच साल में दिल्ली में प्रदूषण और डेंगू का प्रकोप हुआ कमः केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा कि, मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं, दिल्ली के लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत से अभूतपूर्व काम करके दिखाए हैं। जब हर जगह प्रदूषण बढ़ रहा था, तब दिल्ली पूरे देश में शायद अकेला ऐसा शहर था जहां 25 फीसदी प्रदूषण यहां के लोगों ने कम करके दिखाया।  2015 में प्रदूषण जिस स्तर पर था 2019 में उस से 25% कम हो गया।

यह अच्छी बात है लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं, हम और भी बहुत से कदम उठाएंगे लेकिन बड़ी बात यह है कि जब पूरी दुनिया और देश के अंदर जब प्रदूषण बढ़ रहा था उस वक्त दिल्ली के अंदर प्रदूषण कम हो रहा था।

पिछले 5 सालों में दिल्ली के लोगों ने मिलकर डेंगू के ऊपर कंट्रोल किया। 2015 में 10,000 से ज्यादा डेंगू के मामले आए और 60 लोगों की मौत हुई लेकिन 2019 में एक भी मौत डेंगू की वजह से नहीं हुई। और अब जब पूरा देश और दुनिया कोरोना की महामारी से जूझ रहे हैं, जून के महीने में लोग दिल्ली आने से घबरा रहे थे। लेकिन दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने अपनी सूझबूझ और मेहनत से इस पर कंट्रोल कर लिया।

जो स्थिति 2 महीने पहले थी आज वह स्थिति काफी कंट्रोल में आ चुकी है लोगों के अंदर इसका डर काफी कम हुआ है। आज पूरे देश में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है।

उन सभी लोगों को शुक्रिया जिन लोगों ने दिल्ली में स्थिति को कंट्रोल करने में सहयोग किया है। केंद्र सरकार का शुक्रिया करना चाहते हैं, सभी सामाजिक संस्थाओं का शुक्रिया, सभी धार्मिक संस्थानों का शुक्रिया, सभी डॉक्टर की एसोसिएशन और गैर सरकारी संस्थाओं का शुक्रिया करना चाहते हैं।

केजरीवाल आगे बोले, मैं सभी कोरोना वारियर्स का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। कोरोना वारियर्स आज यहां आए हुए हैं इनके लिए तालियां। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस वाले, सफाई वाले, आप सब लोगों को मेरा नमन मेरा प्रणाम।
दिल्ली सरकार ने देश को होम आइसोलेशन, प्लाज्मा थेरेपी का कॉन्सेप्ट दियाः केजरीवाल

केजरीवाल ने ये भी कहा कि, कोरोना मरीजों की सेवा करते-करते अगर किसी की जिंदगी चली जाती है तो उसके परिवार को हमने एक करोड़ रुपए देने का ऐलान किया और दिया भी है। ऐसा नहीं है कि कोई एक करोड़ रुपए के लिए काम कर रहा हो। किसी जान की कोई कीमत नहीं हो सकती। लेकिन एक करोड़ रुपए देने का जो कोरोना वारियर्स के अंदर संदेश गया उनको लगा कि कोई सरकार तो है जो हमारा ख्याल रख रही है।

ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मरीज घर आने के बाद ऑक्सीजन डाउन होने के चलते गुजर गए। अगले हफ्ते से ऐसे लोगों के घर भी अब पल्स ऑक्सीमीटर भिजवाया जाएगा। यानी ठीक होने के बाद भी मरीजों को ऑक्सीजन की समस्या का पता चल सके इसके लिए पल्स ऑक्सीमीटर दिया जाएगा।

हम लोगों ने देश को होम आइसोलेशन की पद्धति दी। हम लोगों ने तय किया कि जो गंभीर मरीज नहीं हैं उनका होम आइसोलेशन में इलाज होगा और जो गंभीर होंगे उनका अस्पताल में इलाज होगा। होम आइसोलेशन के मरीजों से लगातार एजेंसी संपर्क में रहती थी। होम आइसोलेशन के मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर दिया गया।

दिल्ली ने पूरे देश को प्लाज्मा थैरेपी का कॉन्सेप्ट दिया। दिल्ली पहला राज्य था, जहां प्लाज्मा का ट्रायल हुआ और दिल्ली पहला राज्य था जहां प्लाज्मा बैंक बना। 750 से ज्यादा मरीज प्लाज्मा ले चुके हैं और उनकी जान बचाई जा चुकी है। इस समय हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था की है।

अभी हमने जॉब पोर्टल लॉन्च किया। इसमें नौकरी देने वाले भी आते हैं और नौकरी मांगने वाले भी। लोग लॉकडाउन की वजह से दिल्ली छोड़ कर चले गए थे, फैक्टरियां बंद हो गई थीं, अब दोबारा खुलीं तो उनके पास काम करने वाले लोग नहीं थे।

जिस दिन इस जॉब पोर्टल को शुरू किया तो उस वक्त मुझे लगा था कि अगर 10 से 15000 लोगों को नौकरी भी मिल जाएगी तो मैं बड़ा खुश होऊंगा। लाखों नौकरी इस पर रजिस्टर हो गई और नौकरी मांगने वाले रजिस्टर हो गए। इस पोर्टल पर अब तक करीब 10 लाख नौकरियां और करीब साढ़े आठ लाख नौकरी मांगने वाले रजिस्टर करा चुके हैं। इतिहास में दिल्ली सरकार ऐसी पहली सरकार होगी जिसने एक ही बार में 8 रुपये लीटर डीजल का रेट कम किया होगा।

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