प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को बख्शने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने SCO समिट में भी अपने इसी एजेंडे को जारी रखते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर वैश्विक सम्मेलन का आह्वान किया. शुक्रवार को पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले, इसमें मदद देने वाले और इसे आर्थिक मदद पहुंचाने वाले देशों को जवाबदेह बनाना जरूरी है.
श्रीलंका और मालदीव की तरह ही पीएम मोदी ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने की एससीओ की भावना और उसके विचारों की बात सामने रखी. उन्होंने साफ कर दिया कि भारत आतंकवाद मुक्त समाज बनाने का पक्षधर है.
श्रीलंका का दिया उदाहरण
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पिछले रविवार को श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान सेंट एंथनी गिरजाघर गया जहां मैंने आतंकवाद का घिनौना चेहरा देखा. इस आतंकवाद ने हर जगह निर्दोष लोगों की जान ली है.’’ जब पीएम मोदी यह बात कह रहे थे तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी वहां मौजूद थे. पीएम ने चेताया कि आतंकवाद से निपटने के लिए देशों को अपने संकीर्ण दायरे से बाहर आकर इसके खिलाफ एकजुट होना होगा. मोदी ने कहा, ‘‘आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, उसकी मदद और उसे आर्थिक मदद देने वाले देशों को जवाबदेह बनाया जाना जरूरी है.’’
प्रधानमंत्री ने आतंक को रोकने का तरीका भी सुझाया
प्रधानमंत्री ने आतंक की रोकथाम का तरीका सुझाते हुए कहा, ‘‘साहित्य एवं संस्कृति हमारे समाजों को एक सकारात्मक गतिविधि प्रदान करते हैं. वे खासकर हमारे समाज के युवाओं में चरमपंथ का प्रसार रोकते हैं.’’
मोदी दो दिवसीय एससीओ सम्मेलन के लिए बृहस्पतिवार को बिश्केक पहुंचे. एससीओ चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया. भारत देश में आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराता आया है और उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी जमीन से काम रहे आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद करे.
इमरान ने अलापा कश्मीर का राग!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभा को संबोधित किया. इमरान खान ने अपने भाषण में बिना नाम लिए कश्मीर का मुद्दा उठाया और दहशतगर्दी का आरोप लगाया.
कई बार पाक ने की बातचीत की गुजारिश लेकिन भारत अपने स्टैंड पर अडिग
पठानकोट में जनवरी 2016 में वायुसेना अड्डे पर हुए पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन के हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई वार्ता नहीं चल रही है. भारत का कहना है कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते. इस साल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के संबंध उस समय और तनावपूर्ण हो गए थे जब पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने कश्मीर के पुलवामा जिले में हमला किया था और इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला करके आतंकवादरोधी अभियान चलाया था. चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश की थी. इसके बाद से पाकिस्तान कई बार भारत से बातचीत की गुजारिश कर चुका है लेकिन भारत ने अपनी सभी प्रतिक्रियाओं में साफ किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और भारत में घुसपैठिए आतंकी भेजने की हरकतों पर लगाम नहीं लगाता, तब तक भारत के साथ कोई भी बातचीत संभव नहीं है.