नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दिल्ली की खराब होती एयर क्वालिटी (Delhi Air Quality) को दुरुस्त करने के लिए केंद्र से इमरजेंसी प्लान मांगने के कुछ मिनट बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने हालात पर चर्चा के लिए त्वरित बैठक बुलाई है. दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और मुख्य सचिव शामिल होंगे. यह अहम बैठक आज शाम 5 बजे होगी.
दिल्ली के सीएम की ओर से यह कदम तब उठाया गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई कड़े सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वह हवा की गुणवत्ता में गिरावट से निपटने के लिए दो दिनों के लॉकडाउन पर विचार कर रही है.
वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अपने प्रदूषण जैसे- व्हीकल पॉल्यूशन, डस्ट पॉल्यूशन, बायो मास बर्निंग आदि को लेकर दिल्ली सरकार डेढ़ महीने से लगातार काम कर रही है. पूरे अक्टूबर में एंटी डस्ट कैम्पेन चलाया गया, 450 साइट्स पर एक्शन लिया. कल से फिर से एंटी डस्ट कैम्पेन शुरू किया है. रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ कैम्पेन चल रहा है. बायो डीकम्पोजर का छिड़काव कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दीवाली के बाद से लगातार पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में पराली जल रही है. करीब 50 हजार से ज्यादा जगहों पर पराली जली है. प्रदूषण में पराली का कंट्रीब्यूशन 46 फीसदी तक चला गया. हम जन भागीदारी अभियान चला रहे हैं, जब जरूरत हो तभी गाड़ी बाहर निकालें. जितना हो सकता है उतना अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करना चाहिए, कार पूल करना चाहिए.
हम मेट्रो और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को फ्रीक्वेंसी बढ़ाने को कह रहे हैं. इसे लेकर सोमवार को सचिवालय में मीटिंग बुलाई है. फुलप्रूफ प्लान के लिए, ताकि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें. ऑड इवेन लॉस्ट उपाय है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने चुप्पी साध रखी है जबकि स्थिति बिगड़ रही है. तत्काल समाधान की जरूरत है.
राय ने कहा कि कोर्ट के सामने हम वकीलों के माध्यम से यही बात रखना चाहते हैं कि पराली के समाधान के लिए इमरजेंसी डिसीजन की जरूरत है. दिल्ली वालों से अपील है कि अपने हिस्से का प्रदूषण कम करें, एक्सपर्ट्स के एडवाइज फॉलो करें, बाहर का प्रदूषण रोकने के लिए सभी लोग केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से सोशल मीडिया के जरिए अपील करें कि वे चुप्पी न साधें.