चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे किसानों को भरोसा दिया कि इस नकदी फसल का मूल्य बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जाएगा, जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया. मुख्यमंत्री ने यहां किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में 35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया. इससे पहले किसानों ने जालंधर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल पटरियों को बाधित कर कर दिया था. किसानों का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा हाल में घोषित बढ़ोतरी अपर्याप्त थी, क्योंकि उनकी उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है.
उनकी मांग को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का भी समर्थन मिला, जिन्होंने पंजाब के किसानों के लिए बेहतर कीमत की वकालत की. किसानों का आंदोलन मंगलवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया था. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार गन्ने के दामों में बढ़ोतरी की मांग पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पिछले तीन-चार साल से राज्य में एसएपी में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी. प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समस्या के लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, बल्कि ऐसा पंजाब की खराब वित्तीय स्थिति के कारण हुआ.
अधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा किसानों के साथ थे और उनकी भलाई के लिए हर संभव उपाए करना चाहते थे, लेकिन राज्य के वित्तीय संकट के चलते वह पहले एसएपी को बढ़ा नहीं सके. अमरिंदर सिंह के साथ बैठक के बाद किसान नेता मंजीत सिंह राय ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री गन्ने के दाम बढ़ाने पर राजी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों का बकाया भुगतान 15 दिनों में करने का भरोसा दिया गया है. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने राज्य सरकार द्वारा गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी को किसानों की बड़ी जीत बताया. कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य की अमरिन्दर सिंह सरकार का किसानों की मांगों को मानने के लिये धन्यवाद करते हुये कहा कि पंजाब के किसानों को अब पूरे देश में सबसे ऊंचा एसएपी मिलेगा. राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को बढ़े दाम के रूप में अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.