नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान कुछ बच्चों के माता- पिता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. वहीं कई राज्य की सरकार ने उन बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने की जिम्मदारी ली है. ऐसे में पंजाब सरकार ने भी आगे बढ़कर कहा कि उनके राज्य में जिन बच्चों ने माता- पिता या परिवार में कमाने वाले सदस्य को खो दिया है. उन्हें ग्रेजुएशन लेवल तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. पढ़ाई का सारा खर्चा सरकार उठाएगी. इसी के साथ समाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में 1500 रुपये प्रति महीने बच्चों को दिए जाएंगे.
बता दें, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया, “जिन छात्रों ने अपने माता-पिता या परिवारों को खो दिया है, जिन्होंने महामारी से कमाई करने वाले सदस्यों को खो दिया है, उन्हें इस नई योजना के तहत स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा की पेशकश की जाएगी. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि ऐसा करना राज्य का कर्तव्य है.”
इस संबंध में जारी सरकारी बयान के अनुसार 21 साल की उम्र तक यानी ग्रेजुएशन लेवल तक के छात्रों को राहत के उपाय उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे पहले छात्रों के लिए स्कूल और कॉलेज की शिक्षा मुफ्त होगी.
कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ छात्रों को मुफ्त शिक्षा के अलावा, जिन परिवारों ने अपनी कमाई वाले सदस्य को खो दिया है, उन्हें भी 1500 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में दिए जाएंगे.