नागरिकता कानून के विरोध में आज राष्ट्रीय जनता दल का बिहार बंद.

दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में आज राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार बंद बुलाया है। सुबह से ही आरजेडी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं। जगह जगह आगजनी की जा रही है और ट्रैफिक रोका जा रहा है। हाजीपुर पटना के बीच में गांधी सेतु पर आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया है जिस कारण उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार के बीच आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। बंद समर्थकों ने हाजीपुर-मुज्जफ्फरपुर एमएच 22 को भगवानपुर में बंद करा दिया है।

आरजेडी कार्यकर्ताओ ने भैसों पर बैठकर हाईवे को जाम किया है। वहीं दरभंगा के गंज चौक पर हजारों आरजेडी कार्यकर्ता जुटे हैं और आगजनी कर रहे हैं जिससे दरभंगा कुशेश्वरस्थान रोड जाम हो गई है। सैकडों गाड़ियां जाम में फंसी हुई है।

दरभंगा के अलावा जहानाबाद, वैशाली, फारबीसगंज समेत कई जिलों में आरजेडी का प्रदर्शन शुरू हो गया हैं। राजधानी पटना में फिलहाल शांति है। पटना रेलवे स्टेशन पर किसी को प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई है। जाहानाबाद में रेलवे ट्रैक पर आगजनी की गई तो अररिया में प्रदर्शनकारियों ने रेल रोक दिया।

राजधानी पटना में पार्टी के सैकड़ों समर्थक लाठियां और पार्टी के झंडे लेकर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में घुस गए लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें खदेड़ दिया। पार्टी समर्थकों में बच्चे भी शामिल रहे। नवादा में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर प्रदर्शन किया। उन्होंने वहां सड़क पर पहिए जलाए जिससे वाहनों का आवागमन बाधित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फरपुर के जीरो मील चौक पर भी प्रदर्शन किया। अररिया और पूर्वी चम्पारण जिलों में बंद समर्थकों के रेल की पटरियों पर बैठने की खबरें मिली हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘राज्य के सभी जिलों में पर्याप्त बलों की तैनाती की गई और संबंधित अधिकारियों के समक्ष परेशानी खड़ी करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटने के लिए कहा है।’’

मुख्य विपक्षी दलों द्वारा बुलाए बिहार बंद से महज दो दिन पहले वाम दलों ने राज्यव्यापी बंद बुलाया था। राजद ने पहले 22 दिसंबर को बंद का आह्वान किया था लेकिन रविवार को पुलिस भर्ती परीक्षाओं के मद्देनजर उसने एक दिन पहले बंद का आह्वान किया।

शुक्रवार रात को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने बंद के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते हाथों में मशाल लेकर शहर में मार्च निकाला था। उन्होंने बंद को ‘‘केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के हमलों से संविधान को बचाने की कवायद’’ बताया है। यादव ने कहा था, ‘‘यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा, लेकिन अगर राज्य पुलिस किसी तरह की ज्यादती करती है तो इसका जवाब दिया जाएगा।’’

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