26 फरवरी 2023 को जब आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोपों में मनीष सिसोदिया को CBI और 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था तब वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे. यानी सरकार और पार्टी दोनों में अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर 2, लेकिन इन 17 महीनों में बहुत कुछ बदल गया है. आम आदमी पार्टी में मनीष सिसोदिया की हैसियत अभी भी नंबर 2 ही है, लेकिन दिल्ली सरकार में उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. इस वक्त मनीष सिसोदिया वैधानिक तौर पर केवल पटपड़गंज से विधायक ही है.
हालांकि, मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने को आम आदमी पार्टी एक संजीवनी बूटी की तरह देख रही है. पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले मनीष सिसोदिया की रिहाई पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने का काम करेगी. शनिवार को आम आदमी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मनीष सिसोदिया भी अपने पुराने अंदाज में दिखे, मनीष सिसोदिया जमकर केंद्र सरकार पर बरसे और कहा कि केंद्र की BJP सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं की छवि खराब करना चाहती है. लेकिन उनके इरादे कामयाब नहीं होने देंगे.
‘मामला भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि AAP को रोकना है’
मनीष सिसोदिया ने कहा कि घर घर जाएंगे और बताएंगे कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को क्यों गिरफ्तार किया गया. मामला भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी को रोकना है. मनीष सिसोदिया ने जेल से बाहर आते ही अपना इरादा साफ कर दिया कि अब वो बैठने वाले नहीं हैं. अभी से जनता और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर चुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे।
मनीष सिसोदिया ने अपने भाषण में साफ किया कि 17 महीने की जेल के बाद वह छुट्टी पर नहीं जाने वाले हैं. अब समय आ गया है कि जो लोग बाहर रहकर उनके लिए लड़े हैं. अब वो उनके लिए लड़ेंगे, उनके बीच रहे. यह वक्त आराम करने का नहीं है. उन्होंने चुनाव को लेकर भी अपनी योजना साफ कर दी है. आप कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह आज से चुनावों के लिए तैयारी शुरू कर दे.
अब पार्टी-संगठन को फिर से मजबूत करेंगे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. आंदोलन से पार्टी बनाने और दिल्ली की सत्ता पर काबिज होकर दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए यात्रा का मॉडल स्थापित करने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका रही.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही वो चेहरा हैं जिसकी कमांड में पार्टी के अंदर काम करने में किसी को गुरेज नहीं है. ऐसे में जब दिल्ली और हरियाणा में चुनाव है तो मनीष सिसोदिया की पहली प्राथमिकता इन राज्यों में रणनीति तैयार कर पार्टी को मजबूत करना है. अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने तक मनीष सिसोदिया ही पार्टी और संगठन को लीड करेंगे.
आने वाले दिनों में हो सकती है अहम बैठक
आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो आने वाले सप्ताह में आगे की रणनीति को लेकर पार्टी के भीतर अहम बैठकें होगी. उसमें पार्टी के आगे की रणनीति बनाई जाएगी. मनीष सिसोदिया की भूमिका भी उन्हीं बैठकों में तय होगी. हालांकि इन सबके बीच यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या सिसोदिया सरकार में शामिल होंगे? आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री कह चुके हैं कि पार्टी इसपर जल्द फैसला लेगी.
ज्यादातर पार्टी नेता चाहते हैं तो चुके है कि मनीष सिसोदिया सरकार में अपनी पुरानी भूमिका में शामिल हो. हालांकि ये तभी संभव है जब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ जाएं. मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज संभाल लें और LG को सिफारिश भेजकर फिर से मनीष सिसोदिया को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लें.
मंत्रिमंडल को लेकर क्या स्थिति है?
अब समझते हैं कि कानूनी रूप से दिल्ली में मंत्रियों की संख्या और मंत्रिमंडल को लेकर क्या स्थिति है? दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री को मिलाकर अधिकतम 7 मंत्री हो सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 239 एए के मुताबिक दिल्ली मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा के सदस्यों की संख्या के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है.
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधायक हैं. ऐसे में 7 से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते हैं. आबकारी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसलिए अभी दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा 5 मंत्री ही हैं यानी 1 पद खाली है. ऐसे में मौजूदा मंत्रियों के साथ ही मनीष सिसोदिया को दोबारा मंत्री में शामिल करने और उपमुख्यमंत्री बनाने में कोई अड़चन नहीं है.