उच्च मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की एक और वृद्धि की आशंका है. यह आशंका इसलिए है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक आज से शुरू होगी.
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व समेत अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के अनुरूप आरबीआई भी रेपो दर में वृद्धि कर सकता है. एमपीसी की सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने जून और अगस्त में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी. इससे पहले मई में केंद्रीय बैंक ने अचानक हुई अपनी बैठक में ब्याज दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ा दिया था.
30 सितंबर को जारी होंगी नई दरे
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक आज से 30 सितंबर तक चलेगी. दरों पर निर्णय शुक्रवार यानी 30 सितंबर को घोषित किया जाएगा. विषेशज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर तीन साल के उच्चतम स्तर 5.9 प्रतिशत पर कर सकता है. यह वर्तमान में 5.4 प्रतिशत है. आरबीआई ने रेपो दर में मई से लेकर अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले सप्ताह फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए इस बार मौद्रिक नीति पर अधिक बारीकी से नजर रखी जाएगी.
0.50 पर्सेंट की हो सकती है बढ़ोतरी
रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि आरबीआई आगामी एमपीसी की बैठक में रेपो दर में एक बार फिर 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. गौरतलब है कि सरकार ने आरबीआई को दो प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है.