नवरात्र के सीजन में प्याज की खपत में गिरावट आएगी। दिल्ली की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी समिति का कहना है कि बीते साल प्याज की मांग में करीब 23 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, मंडी कारोबारियों का कहना है कि कई बार मांग में 50 फीसदी तक की कमी आती है। हालांकि कारोबारियों का दावा है कि मांग कम होने का सीधा असर कीमत पर नहीं पड़ता। इस बार के हालात को देखते हुए प्याज के दाम में कमी आने की संभावना नहीं है।
ऑनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के श्रीकांत मिश्रा का कहना है कि इस साल प्याज की मांग में नवरात्र के दौरान करीब 50 प्रतिशत कमी आएगी, लेकिन इसके भाव में नरमी की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र से आने वाले प्याज के दिल्ली नहीं पहुंच पाने से यह हालात बने हैं।
प्याज की उपज पर मौसम की मार पड़ी है। इसी वजह से प्याज की कीमत बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार के प्याज बेचने पर व्यापारियों ने कहा कि महज चार ट्रक प्याज से दिल्ली का काम नहीं चलेगा। यहां रोज 35-40 ट्रक की खपत है। ऐसे में सरकार की तरफ से महज 100 टन प्याज बेचने से समस्या का समाधान होने वाला नहीं है।
आजादपुर सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है कि अगले दो-तीन दिन में दिल्ली में प्याज की आवक में और कमी आएगी। इसमें करीब 25 फीसदी की कमी आई तो प्याज की कीमत थोक में 35-48 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच सकती है। इसके बाद खुदरा बाजार में कीमत 80 रुपये किलो से भी ऊपर जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से दिल्ली में आवक नहीं हो रही है।
आजादपुर मंडी में कीमत और आवक का नहीं सीधा संबंध
मंडी समिति के अध्यक्ष आदिल अहमद खान बताते हैँ कि आवक और कीमत का सीधा संबंध नहीं रहता। पिछले साल 24 सितंबर को सिर्फ 213 टन प्याज दिल्ली में आई थी। उस वक्त रेट भी 8 रुपये ही था। इस साल 24 सितंबर को 42 रुपये कीमत होने के बावजूद 1,500 टन प्याज दिल्ली पहुंची। पिछले साल 26 सितंबर को 9.50 रुपये की दर पर 590 टन प्याज की आवक थी। वहीं, इस साल कीमत 40 रुपये होने पर भी 700 टन प्याज दिल्ली आई।