मध्यप्रदेश के भोपाल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो पति-पत्नी और पिता-बेटी के रिश्ते को पूरी तरह से शर्मसार कर दे। प्राथमिक विद्यालय सहपुरा में पदस्थ श्रीराम दुबे ने पत्नी के ऊपर शक के चलते अपने पूरे परिवार को खत्म करने की कोशिश की।
शक की वजह से पति ने अपनी पत्नी सहित दोनों बेटियों का चाकू से गला रेत कर उनकी हत्या करने की कोशिश की और बाद में खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्महत्या करने का प्रयास किया। चारों लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है लेकिन चारों की हालत गंभीर है।
अस्पताल कैंपस में रहने वाले श्रीराम दुबे सुबह साढ़े नौ बजे अपनी बड़ी बेटी आंचल को कोचिंग सेंटर छोड़कर आए। जैसे ही श्रीराम दुबे घर पहुंचे, पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। श्रीराम दुबे ने चाकू उठाया और 12 वर्षीय बेटी दीपल के गले पर उससे वार किया।
इसके बाद अपनी पत्नी, जो जिला अस्पताल में नर्स के तौर पर काम करती हैं, उनके गाल और गले और पास में खड़ी सबसे छोटी बेटी पीहू (तीन साल) के पेट और गले पर चाकू से वार किया। इतना ही नहीं, इस सबके बाद श्रीराम दुबे ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया।
शोर सुनकर आस-पास के लोग श्रीराम दुबे के घर पहुंचे, उन्होंने चादर वगैरह डालकर आग बुझाई लेकिन तब तक श्रीराम दुबे का शरीर 60 फीसदी तक जल चुका था। पड़ोसियों ने श्रीराम दुबे को अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो श्रीराम ने अस्पताल में अंदर जाने की बजाय दरवाजे में ही सिर ठोकना शुरू कर दिया।
इसके बाद श्रीराम ने छत से कूदने का भी प्रयास किया। इससे पहले भी श्रीराम दुबे सुसाइड नोट लिख चुका था। उसमें लिखा था कि मेरे परिवार को खत्म करने के लिए रेखा बाथम, विनीता साहू, आकाश करोसिया और उसका परिवार और रेखा करोसिया जिम्मेदार हैं।
गंभीर रूप से झुलसे शिक्षक ने पुलिस को बताया कि मेरी पत्नी किसी और से छह-छह घंटे मोबाइल फोन पर बात करती थी। कभी घर से चली जाती थी। श्रीराम दुबे ने कहा कि मैंने काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी। इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा। श्रीराम दुबे ने कहा कि मुझे जिंदगी से कोई मोह नहीं बचा है।