राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भी प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर बना रहा. समूचे एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ऊपर दर्ज किया गया. हालात को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर् ने आशंका जताई है कि यह स्थिति अगले तीन दिनों तक बनी रह सकती है. जारी रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली एनसीआर में 7 से 10 नवंबर तक एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद चिंताजनक स्थिति में रहेगी. इस दौरान पूरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गैस चैंबर में तब्दील हो सकता है.
प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार की सुबह दिल्ली में ओवरऑल एक्यूआई 399 दर्ज किया गया है. वहीं अलग अलग अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर 450 के पार रहा है. पुषा में लगे प्रदूषण मॉनिटरिंग सिस्टम में एक्यूआई 372 दर्ज किया गया. वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी में यह आंकड़ा 461 के पार रहा. इसी प्रकार लोधी रोड पर 371, एयरपोर्ट पर 433, नोएडा में 463, मथुरा रोड पर 417 और आयानगर में 392 दर्ज किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 416, गुरुग्राम में 369 और धीरपुर में 400 दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार में 441, मयूर विहार फेस 1 में 441 और नेहरु नगर में 424, ओखला फेस 2 में 427, आरके पुरम में 437 और सोनिया विहार में 418 के अलावा वजीरपुर में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है. हालांकि खतरनाक स्तर में पहुंच चुके इस प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में ग्रेप 4 लागू कर दिया गया है. इस व्यवस्था के तहत प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का दिल्ली में प्रवेश रोक दिया गया है.
वहीं कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर रोक लगाते हुए धूल और धुआं कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. बावजूद इसके अगले तीन दिनों तक कोई खास राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. इस प्रदूषण की वजह से क्रॉनिक डिजीज से पीड़ित रोगियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. खास तौर पर सांस के रोगियों के लिए मुश्किल हो गई है. इसी प्रकार सर्दी जुकाम से पीड़ित रोगियों को भी दिक्कतें होने लगी हैं. इससे सभी अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ सी आ गई है. हालात को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों को भरसक घर से बाहर निकलने से परहेज करने की सलाह दी है. वहीं बच्चों और बुजुर्गों को विशेष एहतियात बरतने की बात कही जा रही है.