उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने सूबे की बागडोर अपने हाथ में ली थी. तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि शासन और प्रशासन चलाने का अनुभव न रखने वाले योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने का रिकार्ड बना देंगे.अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 12 महीना शनिवार 25 मार्च को पूरा करने वाले हैं.
यानी कि सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए उन्हे शनिवार को छह साल पूरे हो जाएंगे. इन छह सालों में योगी आदित्यनाथ ने बतौर सीएम न सिर्फ अपने प्रतिद्वंद्वियों को परख कर उन्हें पटकनी दी, बल्कि अपने राजनीतिक किले को भी लगातार मजबूत किया है.उसका विस्तार किया और हिंदुत्व तथा जातिवादी हितों के बीच संतुलन कायम किया है. शासन प्रशासन को भी दुरुस्त किया है. और अपने वफादार अधिकारियों के भरोसे लगातार नई उपलब्धियों को हासिल करने में भी सफल हुए हैं.
UP को बीमारू राज्य की छवि से बाहर निकाला
यही वजह है कि अब योगी आदित्यनाथ की राय को केंद्रीय नेतृत्व महत्व देने लगा है. अब यह संकेत भी मिलने लगे है कि आगामी लोकसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका रहेगी. फिलहाल योगी आदित्यनाथ के छह साल के कार्यकाल को अगर देखे तो पाएंगे कि उन्होंने एक एक पायदान पर चढ़ते हुए यूपी को बीमारू राज्य की छवि से बाहर निकाला है.उनके द्वारा आयोजित किए गए दो इन्वेस्टर्स समिट में देश और दुनिया के बड़े निवेशकों ने आकर यूपी को उभरते हुए औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित किया है.यहीं सीएम योगी ने शासन और प्रशासन को दुरुस्त कर यूपी में कानून का राज्य स्थापित किया और यूपी को दंगा मुक्त राज्य बनाने में भी सफलता पाई है.आज योगी आदित्यनाथ यूपी में बीजेपी के पहले ऐसे नेता है जो मुख्यमंत्री पर छह साल पूरे कर रहे हैं.
सीएम योगी अब वह बीजेपी के ऐसे नेता बन गए हैं जो कई तरह के आरोपों के बीच अपनी सख्त छवि से जहां देशभर के लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. उनका पहनावा, बोलने का अंदाज और हिंदुत्व को लेकर उनका रुख सीएम योगी को प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके अन्य नेताओं से अलग खड़ा करती हैं. यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है, हालांकि वह इस पर गर्व नहीं करते.
UP में अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश
योगी आदित्यनाथ की वर्किंग को लेकर राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अतुल का कहना है कि वैसे तो छह वर्ष का कार्यकाल किसी राज्य की तस्वीर बदलने के लिए कम है, फिर भी यदि हम वर्तमान सरकार के कामों का आकलन करें तो सरकार के दावे-प्रतिदावे के बीच कई उपलब्धियां अभूतपूर्व है. बीते माह योगी सरकार ने यूपी का अब तक का सबसे बड़ा बजट करीब सात लाख करोड़ रुपए का पेश किया. प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय इस वित्तीय वर्ष के अन्त में बढ़कर लगभग दो गुनी हो जायेगी और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है.
यूपी, जो अर्थव्यवस्था के मामले में देश में पांचवें स्थान पर था,अब देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है. यूपी ने गुजरात और तमिलनाडु जैसे प्रगतिशील प्रदेशों को पीछे छोड़ दिया है.यदि यही गतिशीलता रही तो अगले पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की नंबर-1 की अर्थव्यवस्था बनाने का योगी जी का, आश्वासन अवश्य पूरा होगा. राज्य में यह परिवर्तन अचानक नहीं हो रहे हैं. इसके लिए विजन की जरूरत थी, योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में कदम उठाए और परिवर्तन दिखने लगा.
योगी ने गुंडे-माफियाओं पर लिया सख्त एक्शन
यह परिवर्तन औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में दिखा, शिक्षा और चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाने के दिशा में दिखा. 4.68 लाख करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश वर्ष 2018 में हुए इन्वेस्टर समिट के जरिये राज्य में आया, फिर बीते माह हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 34 लाख करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश के प्रस्ताव मिलना यह साबित करता है कि आप सही दिशा में मेहनत करेंगे तो उसका परिणाम भी अच्छा मिलेगा.
राज्य के कानून व्यवस्था के सुधार को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल कहते हैं कि यूपी में पहले लोग आंदोलन और प्रदर्शन में सरकारी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते थे. दुकानदार और छोटे रेहड़ी-पटरी वाले भी इसका शिकार हो जाते थे. इस पर अंकुश लगाने के लिए सीएम योगी कानून लाये और नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूलने की शुरुआत की. आज धरना प्रदर्शन के दौरान हिंसा नहीं होगी. मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और अन्य बड़े अपराधियों की अवैध संपत्ति को जब्त करने और उसे बुलडोजर ध्वस्त करने की जो पहल यूपी से शुरू हुई उसे अब देश के अन्य राज्य भी अपना रहे हैं. यही नहीं बीते विधान सभा चुनावों में सीएम योगी के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में बीजेपी 255 सीटें जीतने में सफल रही.
योगी के नाम UP में ये बड़ी उपलब्धियां
अब पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने के लक्ष्य को लेकर जुट गई है. सीएम योगी को यकीन है कि वह इस लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे. क्योंकि अब पार्टी में कोई अंदरूनी राजनीति और उठापटक नहीं होती.पार्टी और सरकार में तालमेल से कार्य हो रहा है.अब कोई पावर सेंटर नहीं है, जो कुछ है वह सीएम योगी का नेतृत्व है. जिस पर अब कोई उंगली नहीं उठाता.
ऐसे माहौल में योगी आदित्यनाथ प्रदेश के विकास को लेकर लगातार सक्रिय रहते है.वह खुद तो यूपी के जिलों जिलों में जाते ही हैं, मंत्रियों को भी जनता के दुखदर्द को जानने के लिए जिलों का दायित्व दे रखा है. जिसके चलते अब योगी के खाते में जहां नई उपलब्धियां जुड़ रही हैं,वही दूसरी तरफ यूपी की तस्वीर भी लगातार बदल रही है. काशी विश्वनाथ धाम बन चुका है, अयोध्या में श्रीराम मंदिर बन रहा है, अगले साल वह मंदिर भी बन जाएगा, यह उपलब्धि भी योगी आदित्यनाथ के खाते में ही आएगी.