भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई लेकिन बेटे ने पिता का शरीर लेने से इनकार कर दिया। प्रशासन के काफी समझाने के बाद भी बेटा नहीं माना। आखिर में बैरागढ़ तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। दरअसल, शुजालपुर निवासी एक व्यक्ति को आठ अप्रैल को पैरालिसिस का दौरा पड़ा था। उन्हें एक मल्टीकेयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। व्यक्ति में कोरोना के लक्षण देखकर डॉक्टरों ने बेटे और पिता से कोरोना की का टेस्ट कराने के लिए कहा।
10 अप्रैल को जांच के लिए उनके नमूने लिए गए और 14 अप्रैल को जब रिपोर्ट आई तो पता चला कि पिता कोरोना वायरस पॉजिटिव है। उसके बाद व्यक्ति को भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई।
प्रशासन ने मौत की जानकारी परिजनों को दी तो मरीज की पत्नी, बेटा और साला गांव से अस्पताल पहुंचे। जब बेटे को पता चला कि कोरोना संक्रमण के डर से पिता का शव गांव नहीं ले जा पाएंगे तो वह घबरा गया। उसने पॉलिथीन में लिपटे पिता के शरीर को हाथ तक लगाने से इनकार कर दिया।
मौके पर मौजूद अफसरों ने उसे काफी समझाया लेकिन वह नहीं माना। अफसरों ने बेटे को बताया कि डॉक्टर, नर्स और चिकित्साकर्मी भी तो मरीजों का इलाज कर रहे हैं उनके पास जा रहे हैं। लेकिन बेटा फिर भी नहीं माना। उसने पिता का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया।
बेटे ने लिखकर दे दिया कि उसे पीपीई किट पहननी नहीं आती है इसीलिए प्रशासन ही अंतिम संस्कार करे। जब बेटा नहीं माना तो मां ने भी प्रशासन को इसकी इजाजत दे दी। इसके बाद तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने रीति-रिवाजों के अनुसार श्मशान में ही नहाकर और पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार किया। बेटा 50 मीटर दूर से ही पिता की चिता को जलते देखता रहा।