उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर के सिकंदराबाद में एक रैली में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि अपने कार्यकाल के दौरान ये पार्टियां दंगा नीति अपनाती थी, जबकि भाजपा विकास की नीति पर अपनी सरकार चलाती है. उन्होंने कहा कि पूरा देश कह रहा है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे. सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा विश्वास, सुरक्षा और समृद्धि के लिए खड़ी है.
उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस के शासनकाल में राज्य में अक्सर महीनों तक कर्फ्यू लगा रहता था. हालांकि, अब राज्य में कोई कर्फ्यू नहीं है. ये पार्टियां दंगों के माध्यम से अशांति फैलाने के लिए जानी जाती थीं.
उन्होंने कहा कि इन पार्टियों की सरकारों ने दंगा नीति अपनाई, जबकि वे लोग विकास नीति’ को प्राथमिकता देते हैं. आदित्यनाथ ने कहा कि अब हम एक नए भारत में हैं. जिन लोगों को 2014 का चुनाव याद है, वे जानते हैं कि तब देश की स्थिति क्या थी. उन्हें पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं को उस दौरान व्याप्त असंतोष और अविश्वास के बारे में सूचित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उस समय पूरे देश में आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद बढ़ रहा था. सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार व्याप्त था. युवा निराश थे और किसान आत्महत्या के लिए प्रेरित हुए थे. मुख्यमंत्री ने पिछले दशक में भारत में आए महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला और बताया कि नक्सलवाद और आतंकवाद से निपटने जैसे विभिन्न चुनौतीपूर्ण मुद्दों को सफलतापूर्वक संबोधित किया गया है.
उन्होंने इन समस्याओं के लिए कांग्रेस के शासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जम्मू-कश्मीर समेत पूरा देश एक समय आतंकवाद से त्रस्त था. उन्होंने वर्तमान स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि दैनिक विस्फोटों में निर्दोष लोगों की जान चली जाती थी. फिर भी, कांग्रेस एक निष्क्रिय दर्शक बनी रही.
क्षेत्रीय राजनीति की जगह राष्ट्रवादी एजेंडे को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स की समस्याओं का समाधान कर वर्षों से लंबित मामलों को खत्म कर बायर्स को उनका हक दिया जा रहा है. आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि पहले कुछ लोग राष्ट्रीय कल्याण से अधिक पारिवारिक हितों को प्राथमिकता देते थे.
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भारत के 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘स्वार्थ का परिवार’ बनाम ‘मोदी का परिवार’ (मोदी परिवार) के बीच एक विकल्प है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को जाति और क्षेत्रीय राजनीति के स्थान पर राष्ट्रवादी और विकासात्मक एजेंडे को प्राथमिकता देनी चाहिए.