स्विट्जरलैंड में बैंक खाते रखने वाले भारतीयों का ब्योरा रविवार से भारत को मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच रविवार से सूचनाओं के आदान-प्रदान का ऑटोमेटिक सिस्टम शुरू होने जा रहा है। इसकी बदौलत वहां किसी भी भारतीय द्वारा कोई बैंकिंग कार्य किए जाने की जानकारी तत्काल ही भारतीय कर प्राधिकरणों के सिस्टम में अपडेट हो जाएगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, सरकार की काले धन के खिलाफ लड़ाई में यह बेहद अहम कदम है और एक सितंबर से इस सिस्टम की शुरुआत के साथ ही ‘स्विस बैंक गोपनीयता’ के युग का अंत हो जाएगा।
बता दें कि सीबीडीटी ही आयकर विभाग के नीति निर्धारित करने वाली संस्था है। सीबीडीटी की तरफ से बताया गया कि नई व्यवस्था शुरू होने से पहले 29 और 30 अगस्त के बीच स्विट्जरलैंड के इंटरनेशनल फाइनेंस विभाग के सचिवालय की टैक्स डिविजन के उपप्रमुख निकोलस मारियो लूशर की अध्यक्षता में एक स्विस प्रतिनिधिमंडल ने भारत के राजस्व सचिव एबी पांडे, सीबीडीटी चेयरमैन पीसी मोदी और सीबीडीटी सदस्य (कानून) अखिलेश रंजन के साथ वार्ता की, जिसमें नई व्यवस्था के द्विपक्षीय सूचना आदान-प्रदान के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की गई।
फिलहाल 2018 का डाटा मिलेगा
ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ फाइनेंशियल अकाउंट इंफारमेशन (एईओआई) के तहत भारत को फिलहाल 2018 कैलेंडर वर्ष का ही ब्योरा मिलेगा। इसमें 2018 के दौरान स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के सभी वित्तीय खातों की पूरी जानकारी भारतीय कर प्राधिकरणों को उपलब्ध कराई जाएगी। इनमें वह खाते भी शामिल रहेंगे, जो 2018 के दौरान बंद कराए गए हैं।
भारत ने मांगे थे कालाधन रखने वालों के नाम
स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में संदिग्ध धन रखने वाले भारतीय खाताधारकों पर कार्रवाई के लिए भारत के साथ संबंधित सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज करते हुए एक दर्जन से ज्यादा भारतीय नामों का खुलासा किया है। इससे पहले 14 व्यक्तियों लोगों के बारे में सूचना साझा करने से पहले उनको नोटिस जारी किए गए थे। नियमों के तहत इस तरह के नोटिस उन्हें उनके खातों के बारे में भारत सरकार को जानकारी देने से खिलाफ अपील करने का एक अंतिम मौका देने के लिए जारी किए जाते हैं।