पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को आर्थिक मंदी को लेकर बेतुका बयान दिया है। उनका कहना है कि कुछ विपक्षी पार्टी इसे लेकर बेवजह का शोर मचाकर देश में घबराहट की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि यह सावन-भादो में आना वाला एक साइक्लिक स्लोडाउन (चक्रीय मंदी) है। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया।
कुमार ने ट्वीट में लिखा, ‘केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीज उतार रहे हैं। बिहार में मंदी का खास असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है।’
मंदी के चलते देश की विकास दर में गिरावट आई है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर पांच फीसदी रह गई है। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को इन आंकड़ों को जारी किया। पिछले साल यह इसी दौरान आठ फीसदी के पार थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में यह 5.8 फीसदी थी। बहुत सी विपक्षी पार्टियां जिसमें कांग्रेस भी शामिल है उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मंदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत इस रास्ते पर लगातार चलने का जोखिम नहीं उठा सकता।