केंद्र की मोदी सरकार ने घाटे में चल रही 19 बड़ी सरकारी कंपनियों को बंद करने का आदेश दे दिया है. इसमें HMT, हिंदुस्तान केबल्स और इंडियन ड्रग्स जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश के सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने यह जानकारी दी. कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश ने भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय से पब्लिक सेक्टर की कंपनियों का ब्यौरा मांगा. अदूर प्रकाश केंद्र सरकार से सवाल भी पूछा कि क्या सरकार घाटे में चल रहे PSU को बंद करने या उनके प्राइवेटाइजेशन पर विचार कर रही है?
भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय के मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने अलग-अलग विभागों की घाटे में चल रही कंपनियों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने उन 19 पीएसयू कंपनियों की सूची भी जारी की जिसे बंद करने की कवायद हो रही है.
मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन कंपनियों तुंगभद्रा स्टील प्रोडक्ट्स लिमिटेड, HMT वॉचेज लिमिटेड, HMT चिनार वॉचेज लिमिटेड, HMT बियरिंग्स लिमिटेड, हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड, HMT लिमिटेड की ट्रैक्टर यूनिट और इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट, केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड, इंडियन ड्रग्स और राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, IOCL-क्रेडा
बायोफ्यूल्स लिमिटेड, क्रेडा HPCL बायोफ्यूल्स लिमिटेड, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह वन और वृक्षारोपण विकास निगम लिमिटेड, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड, सीएनए/एन2 ओ 4 प्लांट को छोड़कर हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड की रसायनी ईकाई में सभी संयंत्रों के संचालन को बंद करना, नेशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कॉर्पो. लिमिटेड, बर्ड्स जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड और एसटीसीएल लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दे दी गई है.
हालांकि सरकार की ओर से जिन कंपनियों को विनिवेश की मंजूरी दी गई है उनमें 25 से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों में सेल, एचपीएल और हिंदुस्तान कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं.