कुमारस्वामी सरकार पर गहराया संकट, सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के सभी 22 मंत्रियो दिया इस्तीफा..

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी अपनी 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार को बचाने की कवायद के तौर पर गठबंधन नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ मुंबई में डेरा डाले हुए कांग्रेस-JDS के असंतुष्ट विधायकों ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। इसके अलावा एक अन्य निर्दलीय विधायक नागेश ने भी मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके साथ ही बीजेपी ने कुमारस्वामी से इस्तीफे की मांग कर दी है। हालांकि सरकार बचाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही कांग्रेस ने कहा है कि उसके सभी 22 मंत्री इस्तीफा देंगे

अल्पमत में आ सकती है कुमारस्वामी सरकार

दूसरी तरफ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि वह घटनाक्रमों पर नजर रख रही है और उसने संकेत दिए कि पार्टी सरकार बनाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस-जद (एस) सरकार उस समय संकट में घिर गई जब गठबंधन के 13 विधायकों ने त्यागपत्र दे दिया। इनमें से 12 विधायकों ने शनिवार को ही इस्तीफा दे दिया था। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 118 विधायक हैं। अगर इन विधायकों के त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार अल्पमत में आ सकती है। इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में से 10 मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
ऐसी खबरें भी हैं कि सरकार बचाने के विकल्प के तौर पर मुख्यमंत्री बदला जा सकता है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि खड़गे ने इसका खंडन करते हुए इसे ‘झूठी’ खबरें बताया जो सिर्फ पार्टी को विभाजित करने के लिए मीडिया द्वारा फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे इसके बारे में मालूम नहीं है और मैं चाहता हूं कि यह गठबंधन सरकार बनी रहे और सुचारू रूप से चले।’ उन्होंने कहा कि वह विधायकों से इस्तीफा वापस लेने के लिए बात करेंगे। खड़गे ने भाजपा पर देशभर में ‘गैर भाजपा’ निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

जानें क्या है आंकड़ों का गणित
संकट से पहले राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 118 विधायक थे। हालांकि यदि सभी इस्तीफों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार के लिए बहुमत बचा पाना काफी मुश्किल होगा। कुल 14 विधायकों के इस्तीफे और निर्दलीय विधायक की समर्थन वापसी के बाद कांग्रेस-जेडीएस के पास अब कुल 103 विधायकों का समर्थन रह गया है, वहीं बीजेपी के पास कुल 105 विधायक हैं। 14 विधायकों के इस्तीफा देने की सूरत में विधानसभा में बहुमत के लिए 106 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।

बीजेपी ने कहा, हमसे कोई लेना-देना नहीं
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि कांग्रेस और जद एस विधायकों का अपने नेतृत्व में भरोसा नहीं रहा और यही कारण है कि वह बागी हो रहे हैं। रेड्डी ने कहा, ‘ऐसे आरोप भाजपा पर अतीत में भी लगते रहे हैं लेकिन कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से हमारा कोई लेना देना नहीं है।’ उन्होंने दावा किया कि सच्चाई यह है कि वे (विधायक) लंबे समय से छोड़ना चाह रहे थे। रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस और जद एस दोनों इस स्थिति में नहीं हैं कि वह अपने विधायकों को रोक सकें।

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