दिल्ली: आज से दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो रही है. गुरुवार रात 9 बजे तक एडमिशन से संबंधित मापदंड स्कूलों की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया. 1600 निजी स्कूलों ने बच्चों के दाखिला संबंधित शर्तों के बारे में बताया है. इस दौरान आप के मन में कई सवाल घूम रहे होंगे. पहला सवाल तो यही होगा कि फॉर्म किस तरह भरें. अगर फार्म में त्रुटि रह गयी तो फिर क्या होगा. निवास प्रमाण पत्र ना होने की सूरत में दाखिला मिलेगा या नहीं, इत्यादि. लेकिन हम आपकी सारी दुविधा को दूर करने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनका पालन कर आप अपने बच्चे का एडमिशन सुनिश्चित करा सकते हैं.
पड़ोस के स्कूलों को फॉर्म भरने में दें प्राथमिकता
सबसे पहले जिस स्कूल में आप अपने बच्चे का एडमिशन चाहते हैं उसकी वेबसाइट पर जाएं. फिर फॉर्म को ऑनलाइन भर कर जमा कर दें या नहीं तो फॉर्म का प्रिंट आउट निकालकर भरें और तब स्कूल में जाकर जमा करें. अगर फॉर्म भरने में त्रुटियां रह गयी हों तो घबराएं नहीं. एक फार्म गलत होने पर दूसरा फॉर्म एक महीने तक आप फिल कर सकते हैं. दूसरा गलत होने की सूरत में तीसरा फॉर्म भरकर जमा करें. फॉर्म को अस्वीकार्य नहीं किया जाएगा.
अब बात निवास प्रमाण पत्र की तो आर्थिक रूप से कमजोर कोटे के तहत दाखिला चाहनेवाले के लिए दिल्ली का निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी होगा. लेकिन अगर सामान्य कोटे में एडमिशन चाहते हैं तो ये जरुरी नहीं है. दिल्ली के बाहर का भी बच्चा है तो दाखिला मिल सकता है. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसद सीट आरक्षित है. अलबत्ता अल्पसंख्यक स्कूलों में गरीबों के लिए ऐसी सुविधा नहीं है.
याद रखें फॉर्म भरने की जल्दबाजी में उतावला ना हों क्योंकि 27 दिसंबर तक जितने फॉर्म आएंगे, उसके बाद ही मेरिट तैयार होगी. यहां पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर सिस्टम लागू नहीं है. घर के नजदीक स्कूल है तो वहीं फॉर्म भरने को प्राथमिकता दें क्योंकि पड़ोसी स्कूल के अंक सबसे ज्यादा होते हैं. शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों के लिए 50 प्वाइंट की लिस्ट जारी की है. और पांच अधिकारियों की टीम मापदंड, नियम और शर्तों को देख रही है