दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आया है कि मरकज से लोग विदेश भी जाते थे, जिनका उद्देश्य धर्म प्रचार नहीं बल्कि पैसा लाना था। पुलिस को इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इन्हें पैसा देते थे। साथ ही जांच में ये बात भी सामने आई है कि मरकज से लोग चीन भी गए थे और चीन से लोग मरकज में भी आए थे।
जांच से जुड़े अपराध शाखा के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारी ने बताया कि मरकज से 150 से ज्यादा देशों में जाने बात सामने आ चुकी है। मरकज से जुड़े लोगों को दूसरे देशों में कहने को धर्म प्रचार के लिए भेजा जाता था, लेकिन असल उद्देश्य पैसा लेना था। धर्म का प्रचार करने के नाम पर विदेशों से पैसा इकट्ठा किया जाता था। मरकज से जाने वाला व्यक्ति खुद ही अपना विदेश जाने का खर्च भी उठाता था। हैसियत के हिसाब से व्यक्ति को विदेश भेजा जाता था।
यदि कोई पैसे वाला है तो उसे विदेश भेजा जाता था और कम पैसे वाला है तो उसे भारत में किसी भी राज्य में भेज दिया जाता था। मरकज के खातों में विदेशों से बड़ा फंड भी आया है। संगम विहार में रहने वाले जिस जमाती ने संगम विहार व देवली में जो तीन हॉटस्पॉट बनाए हैं वह मरकज के कहने पर फिजी गया था। फिजी से दिल्ली आने के बाद वह अपने घर जाने के बजाय मरकज में गया था और वहीं पर तीन दिन रहा था। ये बात भी सामने आई है कि मरकज में चीन से भी नौ जमाती आए थे। इन जमातियों को पुल प्रह्लादपुर रेलवे कंपाउंड में बने क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। माना जा रहा है कि विदेश जाने वाले लोग कोरोना महामारी से पीड़ित हो गए हों।