आगरा-उदयपुर के बीच शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस के संचासन को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. वंदे भारत ट्रेन का संचालन कोटा डिविजन के ड्राइवर और गार्ड कर रहे हैं जिससे आगरा रेल मंडल के ड्राइवर और गार्ड को ये ट्रेन संचालन के लिए नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर आगरा रेल मंडल के क्रू मेंबर्स में काफी गुस्सा है. वहीं नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है. एनसीआरएस के नेतृत्व में आगरा रेल मंडल के कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया गया. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारी ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अगर वंदे भारत ट्रेन का संचालन आगरा रेल मंडल के हाथों में नहीं आया तो वह आगरा कैंट से वंदे भारत ट्रेन का संचालन होने ही नहीं देंगे. पूरा मामला आगरा-उदयपुर वंदे भारत ट्रेन से जुड़ा हुआ है. उदयपुर से आगरा के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के संचालक को लेकर कोटा और आगरा रेल मंडल के क्रू मेंबर्स के बीच पहले दिन से ही विवाद चल रहा है.
ट्रेन संचालन को लेकर झगड़ा
कोटा और आगरा रेल मंडलों के कर्मचारियों के बीच ट्रेन संचालन को लेकर हुए झगड़े में चालक, सह चालक और गार्ड के साथ हाथापाई भी हुई थी और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए थे जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद से इस मामले पर विरोध और ज्यादा बढ़ता चला जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इस विवाद की गूंज रेलवे बोर्ड तक नहीं पहुंची है, लेकिन इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के मंडल अध्यक्ष विजय सिंह मीणा का कहना है कि आगरा रेल मंडल के क्रू मेंबर्स को कोटा तक संचालन के लिए आदेश मिले हैं लेकिन इसके बावजूद भी कोटा के क्रू मेंबर वंदे भारत ट्रेन का संचालन आगरा रेल मंडल के क्रू मेंबर्स को नहीं करने दे रहा है.
पदाधिकारियों का सख्त रुख
उनका कहना है कि वह 12,000 से ज्यादा किलोमीटर का संचालन कर रहे हैं जबकि यह रेलवे बोर्ड के नियमों के खिलाफ है. यूनियन से जुड़े अन्य पदाधिकारियों का दो टूक शब्दों में कहना है कि आगरा रेल मंडल के ग्रुप मेंबर्स के साथ मारपीट की जा रही है. वंदे भारत ट्रेन का संचालन करना उनका भी अधिकार है. अगर कोटा के ग्रुप मेंबर्स ने अपनी गुंडागर्दी नहीं छोड़ी तो आगरा से इस वंदे भारत ट्रेन का संचालन नहीं होने दिया जाएगा.