ट्विटर ने कल अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट एक घंटे के लिए बंद कर दिया था. इसके बाद रविशंकर प्रसाद ने इसे ट्विटर की मनमानी और असहनशीलता बताते हुए कहा था कि उसे सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में दिलचस्पी है. अब इस मामले में ट्विटर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. ट्विटर ने कहा है कि वो कॉपीराइट को लेकर वैध शिकायतें मिलने पर इस तरह की कार्रवाई करता है.
ट्विटर ने सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट कंपनी से एआर रहमान के प्रसिद्ध गाने ‘मां तुझे सलाम’ पर कॉपीराइट क्लेम मिलने का दावा किया है. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इसको लेकर अपनी सफाई में कहा है कि अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) के नोटिस के बाद ये अकाउंट अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया गया था.
ट्विटर के प्रवक्ता ने बताया कि, जिस ट्वीट की वजह से ये मामला सामने आया है उस पर रोक लगा दी गई है. साथ ही प्रवक्ता ने कहा, “हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि DMCA के नोटिस के बाद माननीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट पर अस्थाई रोक लगाई गई थी. जिस ट्वीट की वजह से ये मामला उसको भी हटा दिया गया है. हमारी पॉलिसी के अनुसार किसी विषयवस्तु की कॉपीराइट के मालिक या उनके अधिकृत प्रतिनिधि से वैध शिकायत मिलने पर हम इस तरह किम कार्रवाई करते हैं.”
एआर रहमान के गाने पर मिला था कॉपीराइट क्लेम
ट्विटर ने ‘DMCA नोटिस टू ट्विटर’ शीर्षक से एक ये जवाब दिया है. इसमें ट्विटर ने बताया है कि सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट कंपनी ने इस ट्वीट पर कॉपीराइट क्लेम किया है. उसने बताया कि ट्वीट में दी गई एक क्लिप में संगीतकार एआर रहमान के प्रसिद्ध गाने ‘मां तुझे सलाम’ का इस्तेमाल किया गया है. जिसके बाद म्यूजिक कंपनी ने इस ट्वीट पर कॉपीराइट क्लेम किया था. ट्विटर ने इसके बाद अपनी कॉपीराइट पॉलिसी के तहत IT मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट पर एक घंटे की अस्थाई रोक लगाई थी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि कल ट्विटर ने करीब एक घंटे तक केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट लॉक कर दिया था. ट्विटर का कहना था कि आपने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है. बाद में ट्विटर ने उनका अकाउंट अनलॉक कर दिया था. इसके बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “ट्विटर की मनमानी, असहनशीलता को लेकर मैंने जो टिप्पणियां की है, स्पष्ट तौर पर यह उसकी झल्लाहट है. उन्होंने कहा कि कोई भी प्लेटफॉर्म कुछ भी कर ले आईटी को लेकर नया कानून मानना ही पड़ेगा. इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ट्विटर की कार्रवाई यह बताती है कि वो बोलने की आजादी का हितैषी नहीं, उसे सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में दिलचस्पी है.”