दिल्ली: राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दीवाली से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है. किसानों की तरफ से पराली जलाने से फैले धुएं को प्रदूषण की वजह माना जा रहा है. पिछले दो दिनों से पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 का स्तर लगातार बढ़ने लगा है. मौजूदा स्थिति ये है कि इस वक्त दिल्ली के ज्यदातर इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 150 के आंकड़े से ऊपर पंहुच गया है और पीएम 10 का स्तर 200 के करीब पहुंच गया है.
केजरीवाल ने हरियाणा और पंजाब को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा और पंजाब की ओर से आने वाली हवाओ के चलते पराली से होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है. केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा है, ‘’साल के बाकी महीनों में दिल्ली का प्रदूषण 25 फीसदी तक कम हुआ, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं खतरनाक प्रदूषण कर रहा है. धुआं आना शुरू हो गया है. हम दिल्ली वाले अपने स्तर पर जो मुमकिन है, वो सब कदम उठा रहे हैं
केजरीवाल ने आगे कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि सभी संस्थाएं प्रदूषण को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएंगी. केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकारें, एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट.”
हवा की गुणवत्ता खराब से भी बहुत खराब होने की संभावना-SAFAR
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, दिल्ली का एक्यूआई शुक्रवार सुबह 201 के स्तर पर खराब स्थिति में दर्ज किया गया. एसएएफएआर ने हवा की गुणवत्ता खराब रहने के बारे में बताते हुए कहा गया, “अगले दो दिनों में हवा की गुणवत्ता खराब से भी बहुत खराब होने की भविष्यवाणी की जाती है.” साथ ही यह भी कहा गया है कि पटाखों की वजह से होने वाले प्रदूषण से स्थिति और अधिक खराब हो सकती है.
पराली जलाना प्रदूषण फैलने का बड़ा कारण
बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसानों की ओर से पराली जलाना दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण माना जाता है. हरियाणा में करनाल और आस पास के किसानों ने अपने धान के अवशेषों को जलाना शुरू कर दिया है. हालांकि करनाल जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगाने के लिए अपनी टीमें भेज दी हैं. अभी तक 120 ऐसी जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर पराली जलाने का काम हुआ है.