महाराष्ट्र के चन्द्रपुर में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने दम दिखाया और उद्धव ठाकरे से लेकर शरद पवार तक सबको खरी खोटी सुनाई. महाराष्ट्र के चन्द्रपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे को मिर्ची लगने, कांच के घर,कंकाल से लेकर नहीं छोड़ने तक की बात कही तो वहीं शरद पवार को सीधे टार्गेट किया.
शरद पवार को लपेटते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब उन्होंने 40 विधायक लेकर बगावत की और वसंत दादा पाटिल की सरकार गिराई तो उसे कूटनीति करार दिया. अब शिंदे को बेईमान कैसे कह रहे हो. पहली बार देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर इतनी बड़ी बात कही है महाराष्ट्रके चंद्रपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही है.
‘उद्धव ठाकरे मैं कांच के घर में नहीं रहता’
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, कल मैंने परिवार वादी पार्टी कही तो उद्धव जी को मिर्ची लग गयी. उद्धव जी आपको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूँ. पहले वो मुझे मुख्यमंत्री पर बोलते थे अब वो कल मेरी पत्नी पर आ गए.उद्धव ठाकरे मैं कांच के घर में नही रहता,तुम कांच के घर में रहते हो और कांच के घरों में रहने वाले दूसरे के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते.
फडणवीस ने ठाकरे को दिया खुला चैलेंज
देवेंद्र फड़णवीस ने आगे कहा, अरे मेरा तुमको खुला चेलेंज है कि मैं रहू मेरा परिवार रहे ,तुम्हारे पास कुछ भी है तो सामने लाओ खोलकर दिखाओ सबको बताओ. लेकिन ध्यान रखना देवेंद्र फडणवीस किसी के झमेले में पडता नहीं है. अगर पड़ता है तो छोडता नहीं है. ध्यान रखो जिनकी अलमारी में कंकाल रखे होते हैं उनको साहूकारी की बात करने का कोई मतलब नहीं है. कंकाल जरूर निकलेंगे,बाहर निकाल कर रहेंगे.
शरद पवार को भी देवेंद्र फडणवीस ने खुलकर लपेटा
इसके अलावा, शरद पवार को भी आज देवेंद्र फडणवीस ने खुलकर लपेटा और उन्हें 1978 में कांग्रेस से 40 विधायक लेकर बगावत कर वसंत दादा पाटिल की सरकार गिराने की बात याद दिलाई. देवेंद्र फडणवीस ने कहा,मुझे तो आश्चर्य होता है कि सरकार आने के बाद सेना वाले कहने लगे कि बेईमानी की बेईमानी की, लेकिन मुझे तो आश्चर्य हुआ जब एनसीपी वाले कहने लगे कि बेईमानी की बेईमानी की. कोई तो एक गाना है..तुम करो तो रासलीला है मैं करू तो कैरेक्टर ढीला है. ऐसी अवस्था है.
पवार ने की तो कूटनीति और शिंदे ने की तो बेईमानी
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 1978 में जब शरद पवार वसंत दादा पाटिल की सरकार के 40 विधायक मंत्री लेकर सरकार से बगावत कर अलग हो गए और फिर उस वक्त की भाजपा के साथ 2 साल तक सरकार चलाई. अगर इंदिरा गांधी ने बर्खास्त नहीं किया होता तो 5 साल तक चलती. देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाते हुए कहा कि,ये बताओ उस समय पवार ने किया तो कूटनीति और शिंदे ने किया तो बेईमानी, ऐसे कैसे चलेगा.